बालोद। जाहीद अहमद खान। बालोद ब्लाक के ग्राम घुमका की रहने वाली 11 वर्षीय कक्षा सातवी की छात्रा नरगिस खान ने अंतत: अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा ही दिया। लगभग छह महीने से अपनी प्रतिभा के बल पर इस वर्ष कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलाने की इच्छा लिए नरगिस उन परीक्षाओं में सफल हुई, जिसके बाद उसे कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलाने की अनुमति मिल गई। विभिन्न परीक्षाओं से गुजरने के बाद माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर के सचिव प्रोफेसर वीके गोयल ने इस वर्ष स्वाध्यायी परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित होने की विशेष अनुमति प्रदान कर दी है। अनुमति मिलते ही घर में और परिवार में खुशी का माहौल है।
कक्षा दसवीं की परीक्षा दिलाने की अनुमति से संबंधित पत्र शुक्रवार को पत्र मिलते ही नरगिस की आंखें खुशी से चमक उठी। आखिर जिस पत्र की उसे प्रतीक्षा थी, वह उसे मिल गया। पत्र में उन्हें अनुमति संबंधी जानकारी मिलने पर न केवल छात्रा आत्मविश्वास से भरी हुई है, बल्कि पूरे परिवार में भी उत्साह है।ज्ञात हो कि नरगिस स्वामी आत्मानंद शासकीय उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय बालोद में कक्षा छठवीं की छात्रा है। प्रत्येक कक्षा में वह 99 प्रतिशत अंक लाती है। यही नहीं, वह कक्षा दसवीं का गणित आसानी से हल कर लेती है। अंग्रेजी भी फर्राटेदार बोलती है। एक बार पढ़ने के बाद वह उसे नहीं भूलती। इसी आत्मविश्वास के बल पर उन्होंने अपने पिता व अपने शिक्षकों के समक्ष अपनी ये इच्छा व्यक्त की कि वह दसवीं की परीक्षा दिला सकती हैं। बेटी के आत्मविश्वास के बाद पिता फिरोज खान ने भी इस दिशा में प्रयास शुरू किया।उन्होंने माध्यमिक शिक्षा मंडल से संपर्क किया साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी से भी इस संबंध में जानकारी ली फिर प्रक्रिया आगे बढ़ी और एक जुलाई 2022 को उनका आइक्यू टेस्ट लिया गया। आइक्यू टेस्ट में सफल होने के बाद 17 अगस्त को कार्यपालिका एवं वित्त समिति की संयुक्त बैठक में नरगिस को 2023 में स्वाध्याय परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित होने की विशेष अनुमति प्रदान कर दी गई है।

यंगेस्ट यूपीएससी टॉपर बनना चाहती हैं नरगिस :
यूपीएससी टापर बनना चाहती हैं। वह जल्दी-जल्दी विभिन्न बोर्ड परीक्षाओं को पास कर लेना चाहती है। वह दसवीं पास होने के बाद आगे की बोर्ड परीक्षाओं में शामिल हो सकती हैं। दसवीं पास होने के बाद उसके कम से कम तीन से चार साल बच जाएंगे। उसे यूट्यूब इंटरनेट आदि में देश के महान व्यक्तियों के बारे में जानने की भी जिज्ञासा रहती है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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