रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित महादेव सट्टा एप मामले में ईओडब्लू के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो ने भी एफआईआर दर्ज की है। दरअसल इस बार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत 18 आरोपी पर एफआईआर हुआ हैं। सीबीआई ने छापों के पूर्व 18 दिसंबर को केस दर्ज किया है, बतादें कि हाल ही में सीबीआई ने इस मामले के संबंध में छापेमारी की थी। जिन लोगों के ठिकानों पर ये छापे पड़े थे उनमें कुछ कर्मचारी और पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, हालांकि उनके नाम एफआईआर में शामिल नहीं हैं। एफआईआर में केवल दो पुलिस कर्मियों के नाम शामिल हैं। जो लोग पूर्व में ही पकड़े जा चुके हैं।
कार्रवाई को बताया राजनीतिक साजिश :
महादेव सट्टा एप जब से जांच एजेंसियों और चर्चा के निशाने पर आया है, तब से इस मामले में मुख्य रूप में रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर के नाम सामने आए हैं। ये दोनों आरोपी अब तक किसी भी जांच एजेंसी के शिकंजे में नहीं आए। चर्चा ये है कि ये दोनों दुबई में कहीं छिपे हैं। ये दोनों भिलाई -दुर्ग के हैं। इनके बारे में कहा जाता है कि इन्होंने महादेव एप बनाकर अरबों रुपए कमाए हैं। आरोप है कि इन लोगों ने सत्ता और पुलिस का संरक्षण हासिल करने के बड़ी मात्रा में धन बांटा है। धन पाने वालों में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से जुड़े लोग और कुछ अधिकारी और पुलिस कर्मियों के नाम जांच के दायरे में इस सरकार के कार्यकाल में प्रभावशाली रहे हैं। सीबीआई ने हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, समेत छत्तीसढ़ के कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के घर छापे मारे थे। सीबीआई ने ये दावा किया है कि सट्टा एप पर देश भर में 60 स्थानों पर छापे मारे गए थे। पार्टी कांग्रेस ने राज्य की मुख्य विपक्षी एजेंसियों की इस कार्रवाई को राजनीतिक साजिश करार दिया था।
आरोपियों के नाम शामिल :
सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में शामिल आरोपियों में शुभम सोनी, रवि उप्पल, चंद्रभूषण वर्मा, सतीश चंद्राकर, असीम दास, भूपेश बघेल, नितीश दीवान, सौरभ चंद्राकर,अनिल अग्रवाल, विकास छापरिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, हरिशंकर टिबरवाल, अनिल कुमार धम्मानी, सुशील कुमार धम्मानी, भीम सिंह यादव, सुरेंद्र बागड़ी, धीरज आहूजा, इस सूची में पुलिस कर्मी भीम सिंह यादव और चंद्रभूषण वर्मा के नाम है।