रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में शराब के शौकीनों के लिए पीने-पिलाने के काफी इंतजाम पहले ही देशी, अंग्रेजी शराब दुकानों के माध्यम से किए गए हैं, लेकिन अगर आप अपने निजी भवन (फार्म हाउस को छोड़कर) में कोई पार्टी करना चाहते हैं, तो इसके लिए एक दिन के कार्यक्रम के लिए भी लाइसेंस लेना होगा। अगर यही पार्टी शादी ब्याह की है, तो 15 हजार रुपए और कोई इवेंट, डांस, संगीत वगैरह के प्रोग्राम में मेहमानों को पिलाना चाहते हैं, तो 30 हजार रुपए देकर एक दिन जमकर पिला सकते हैं।

राज्य सरकार के वाणिज्यककर (आबकारी विभाग) ने एफएल 5 क के लिए फीस तय की है। यह फीस मंगलवार 1 अप्रैल से शुरु हो रहे नए वित्तीय वर्ष से लागू हो गई है। दरअसल होता ये है कि किसी भी बार, रेस्टारेंट, शराबखाने में शराब पिलाने परोसने के लिए एक साल के लिए परमानेंट लायसेंस जारी किया जाता है। लेकिन अगर कोई अपनी जगह ठिकाने पर अपने कार्यक्रम में आमंत्रित मेहमानों को पिलाना चाहता है तो उसे भी लायसेंस लेना होगा। इस काम के लिए एक दिन की फीस सरकार ने तय की है।

10 से 30 हजार में एक दिन पिलाओ :
यह एक दिन के लिए दिया जाना वाला लायसेंस एफएल 5 क के नाम से जाना जाता है। अगर कोई अपने निजी भवन (फार्म हाउस को छोड़कर) में आयोजित किसी निजी कार्यक्रम आयोजन में शराब परोसना चाहता है तो उसे 10 हजार रुपए में एक दिन का लायसेंस मिलेगा। इशी तरह किसी होटल, रेस्टारेंट, शादीघर, फार्म हाउस में एफएल 3 लायसेंसधारी के परिसर में कार्यक्रम रखता है तो इसके लिए 15 हजार रुपए में एक दिन का लायसेंस मिलेगा। अगर कोई इवेंट, कंसर्ट, लाइव कार्यक्रम संगीत, नृत्य, कार्यक्रम, नव वर्ष समारोह, क्रिकेट मैच आदि के कार्यक्रम में पिलाने के लिए 30 हजार रुपए में एक दिन का लायसेंस लेना होगा।

आबकारी राजस्व लक्ष्य 12 हजार 700 करोड़ :
छत्तीसगढ़ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 में शराब से मिलने वाले राजस्व के लक्ष्य में बढ़ोत्तरी की है। इस साल के लिए यह लक्ष्य 12 हजार 700 करोड़ रुपए रखा है। पिछले वित्तीय वर्ष में यही लक्ष्य 11 हजार करोड़ रुपए का था। विभाग ने इस लक्ष्य के विरुद्ध 10 हजार 120 करोड़ रुपए अर्जित किए हैं। खास बात ये है कि राज्य में इस साल शराब की 67 नई दुकानें खोलने की तैयारी भी है। राज्य की शराब दुकानों में इस साल से शराब के 67 नाए ब्रांड और बीयर के करीब 8 ब्रांड उतारे जा रहे हैं। जाहिर है शराब के शौकीनों की मौज होगी।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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