मुंगेली, कुणाल सिंह ठाकुर। सिंधी समाज के आराध्य देव झूलेलाल सांई जी का 40 दिनी चालिहा महोत्सव नगर के झूलेलाल मंदिर में धूमधाम, धार्मिक गरिमा और पारंपरिक श्रद्धा के साथ जारी है। समाजजन सुबह से देर शाम तक पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और सामूहिक लंगर के माध्यम से आस्था प्रकट कर रहे हैं। धार्मिक अनुष्ठान का महत्वचालिहा महोत्सव सिंधी समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण धार्मिक पर्व माना जाता है, जिसमें 40 दिवस तक विशेष व्रत, पूजा और सेवा की परंपरा निभाई जाती है। मान्यता है कि इन दिनों संयम, भक्ति और सेवा भाव से की गई साधना से परिवार की सुख-समृद्धि एवं मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। मंदिर में दैनिक कार्यक्रममंदिर समिति के संरक्षक श्री मोहन भोजवानी के अनुसार यह पर्व इस वर्ष 22 नवंबर से प्रारंभ होकर 31 दिसंबर तक निरंतर चलेगा, जिसके तहत मंदिर परिसर में घाघर रखकर नियमित विधि-विधान से आरती, पूजा-पाठ और धुनी की जा रही है।

प्रतिदिन शाम 7:30 बजे से 9:15 बजे तक झूलेलाल मंदिर में धुनी, भजन, कीर्तन और झूलेलाल सांई जी की महिमा का श्रवण कराया जा रहा है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हो रहे हैं। महिलाओं व बच्चों की उत्साही भागीदारीधार्मिक अनुष्ठान में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता देखी जा रही है, विशेषकर महिलाओं और बच्चों में चालिहा महोत्सव को लेकर खास उत्साह नजर आ रहा है। भक्ति रस से सराबोर भजनों पर महिलाएं भाव-विभोर होकर आरती व कीर्तन में शामिल हो रही हैं, वहीं बच्चे भी नियमित रूप से मंदिर पहुंचकर प्रसाद और लंगर सेवा में सहयोग दे रहे हैं।

लंगर और प्रसाद की सेवाभजन-कीर्तन के पश्चात प्रतिदिन प्रसाद वितरण और सामूहिक लंगर की व्यवस्था की गई है, जिसमें श्रद्धालुओं को ससम्मान भोजन परोसा जा रहा है। मंदिर समिति के अध्यक्ष नंदलाल राजेश ने बताया कि प्रतिदिन चलने वाले लंगर हेतु समाज की महिलाओं द्वारा ही लंगर प्रसाद तैयार किया जा रहा है और इस सेवा में समाज के सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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