दुर्ग/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। घरेलू महिलाओ को रोजगार देने के नाम पर करीब दो करोड़ रुपयों की ठगी करने वाले दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों ने मोती की माला के नाम पर स्कीम चलाई थी। जिसमें भोली-भाली महिलाओं को झांसे में लेकर आरोपियों ने ठगी की वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने ठगी के पैसों से थार गाड़ी, सोने को चेन खरीदी थी, जिसे पुलिस ने जब्‍त कर लिया है।

ऐसे की दो करोड़ की ठगी :
दुर्ग में कुछ महीने पहले जालसाजों ने एक स्कीम चलाई थी, जिसमें घरेलू महिलाओं को ये रोजगार देने के नाम पर लालच दिया करते थे। 25 सौ रुपये देकर महिलाओं का रजिस्ट्रेशन करवाते थे, और मोती, धागा देते थे, फिर उसे पिरोने (गूथने) के लिए देते थे। महिलाएं मोतियों को गूथकर जब उसकी माला बनाकर वापस देती थी। तो बदले में उन्हें 35 सौ रुपया दिए जाते था। देखा-देखी आसपास की महिलाएं भी होमग्रोन कॉरपोरेशन की तरफ आकर्षित होने लगी।

6 हजार महिलाओं को बनाया ठगी का शिकार :
शहर की करीब छह हजार महिलाओं से पैसा लेने के बाद दोनों आरोपी अपना ऑफिस बंद कर फरार हो गए थे। इसके बाद जब कुछ महिलाओ ने अपने साथ हुई धोखाधड़ी की शिकायत दुर्ग सिटी कोतवाली में दर्ज कराई। तब पुलिस मामले में धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर आरोपियों की तलाश में जुट गई थी लेकिन आरोपी पुलिस से बचने के लिए बिहार के बाद नेपाल भाग गए।

ठगी के पैसों थार गाड़ी, फिर पुण्‍य कमाने उड़ा दिए कबूतर :
दुर्ग एसपी अभिषेक पल्लव ने इस ठग गिरोह का खुलासा करते हुए बताया कि, आरोपी ठगी की वारदात को अंजाम देने के बाद फरार हो गए थे। आरोपियों ने ठगी के पैसों से अपने महंगे शौक को पूरे किए। महिलाओं से ठगी करने के बाद ये अपने गांव भाग गए थे। और पाप करने के बाद ये पुण्य कमाने के लिए डेढ़ लाख के कबूतर खरीदे और हर रोज 100 कबूतर उड़ते थे। आरोपियों ने करीब 2 लाख के कबूतरों आजाद किया। इसके अलावा महेंद्रा थार गाड़ी, सोने को चेन भी खरीदी और 10 लाख का कर्ज चुकाया है। पुलिस ने मास्टर माइंड सानू कुमार और सहयोगी संजय कुमार को गिरफ्तार किया है।

दिल्ली से खरीदते थे मोती माला :
आरोपी सानू कुमार पहले भी धोखाधड़ी के मामले में बिहार जेल में सजा काट चुका है। उसके बाद वह दुर्ग में एक स्कीम लेकर आया। आरोपी दिल्ली के सदर बाजार से 25 हजार किलो 25 लाख रुपयों के मोती खरीदे और शहर में 2 स्थानों पर इसने अपना ऑफिस खोलकर महिलाओं को रोजगार देने के नाम पर झांसा देता था। 25 सौ रुपये लेकर वह 35 सौ रुपये देने का आश्वासन देता था। महिलाएं इसके झांसे में आती गई। आरोपियों ने करीब दो करोड़ रुपयों की ठगी की है।

गूगल से देखकर शुरू किया कारोबार :
आरोपी सानू कुमार ने पुलिस के पूछताछ में बताया कि गूगल से दुर्ग को देखकर अपना मोती माला का कारोबार शुरू करने के लिए आया, जहां फर्जी दस्तावेज के आधार पर 7 हजार में नगर निगम दुर्ग से गुमस्ता लाइसेंस बनाया, फिर अपना कारोबार करने के लिए एक दफ्तर खोला। उसने मोती माला गूथने के लिए महिलाओं को निशाना बनाया। आरोपी सानू कुमार ने अपने सहयोगी के साथ मिलकर बिहार, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में ठगी कर चुका है और वर्तमान में वाराणसी में ठगी करना शुरू कर दिया था।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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