बालोद। जाहिद खान। सोमवार को जिले के कई स्कूलों के शिक्षकों के हड़ताल में जाने के कारण स्कूलों के मुख्य गेट में ताले लटकते हुए नजर आए। शिक्षकों के हड़ताल के चलते बच्चो की पढ़ाई भी लगातार प्रभावित हो रही है। हड़ताल का असर पालकों में भी नजर आ रहा है। हड़ताल को लेकर बच्चों के पालकों में आक्रोश देखी जा रही है। कोरोना काल की वजह से दो सालों तक स्कूलों में पढ़ाई ठप रही। इधर, नए शिक्षा सत्र का आगाज जोर-शोर से किया गया। स्कूलों में प्रवेशोत्सव भी मनाया गया। इसके बाद से स्कूलों में फिर से बच्चों की पढ़ाई पर शिक्षकों के हड़ताल के चलते ग्रहण लग गया है। इससे न सिर्फ बच्चे बल्कि अभिभावक भी परेशान हैं। देर-सबेर शिक्षकों की मांग तो पूरी हो जाएगी लेकिन बच्चों की पढ़ाई का जो नुकसान होगा उसकी भरपाई आखिर कौन करेगा? पिछले दो शिक्षा सत्र तो कोरोना की भेंट चढ़ गया जिससे बच्चों की पढ़ाई का काफी नुकसान हुआ। इसके बाद छह माह भी पढ़ाई व्यवस्था पटरी पर नहीं आ पाई कि शिक्षकों ने हड़ताल का बिगुल फूंक दिया है। ऐसे में सरकारी स्कूलों में फिर से तालाबंदी की स्थिति आ गई है, जिससे पढ़ाई चौपट हो गई है साथ ही मध्यान्ह भोजन पर भी ग्रहण लग गया है। पढ़ने के लिए बच्चे स्कूल जा रहे हैं लेकिन पढ़ाने के लिए कोई शिक्षक नहीं है। ऐसे में निराश होकर बच्चे लौट रहे हैं। या तो गली मोहल्ले में खेलते हुए नजर आ रहे है।