धमतरी। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले के मेघा में महानदी पर बना पुल ढ़ह गया है। शनिवार की रात पुल का हिस्सा धंस चुका था। अब यह पूरी तरह से धराशायी हो गया है। कुरूद और मगरलोड को जोड़ने वाले इस पुल के क्षतिग्रस्त हो जाने के बाद से 50 से अधिक गांवों का संपर्क टूट गया है। पांच किलो मीटर का सफर करीब 20 किलो मीटर लंबा हो जाएगा। पुल के क्षतिग्रस्त होने की सूचना के बाद मगरलोड पुलिस ने के दोनों हिस्सों में बैरिकेड लगाकर बड़े वाहनों का आना-जाना रोक दिया था। राहत की बात यह रही कि इसमें जनहानि नहीं हुई है।

मिली जानकारी के अनुसार 34 साल पहले 1990 में इस पुल को बनाया गया था। इसका नामकरण स्व. ताराचंद साहू के नाम पर किया गया था। पुल के धंसने का कारण नदी से मनमानी रेत की निकासी और ओवरलोड वाहनों का ज्यादा चलना हो सकता है। फिलहाल अधिकारी इसके कारणों का पता लगाने में जुटे हुए हैं।

बता दें कि धमतरी जिले के मगरलोड विकासखंड में मेघा महानदी से लगातार रेत उत्खनन किया जा रहा था। बेधड़क निकाली गई रेत दलालों ने ब्रिज तक खोद दिए, जिससे ब्रिज का बेस कमजोर होकर धंसने लगा। इसके अलावा भारत माला परियोजना तहत बन रहे सड़के के लिए मटेरियल की सप्लाई बड़े-बड़े ट्रकों के माध्यम से इसी पुल के जरिए से की गई। क्षमता से अधिक रेत से भरे और ओवरलोड वाहनों के कारण जगह जगह दरारे आ गई थी।
