कवर्धा। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के कवर्धा जिले में धार्मिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. यहां आए-दिन धर्म के नाम पर विवाद होता रहता है. ताजा विवाद दुर्गा मूर्ति स्थापना को लेकर हुआ है. यह विवाद जिले के कुकदुर थाना अंतर्गत ग्राम कामठी में दुर्गा मूर्ति स्थापना और सतरंगी झंडा को लेकर हो गया. जिसके बाद से ही गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है. हालांकि मामला हिंसा का रूप ना लें , इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.

दरअसल, कवर्धा के कुकदुर थाना अंतर्गत ग्राम कामठी में दुर्गा मूर्ति स्थापना और सतरंगी झंडा को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया, जिसके बाद गांव में तनाव की स्थिति बन गई. सूचना मिलते ही एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले को शांत कराया. हालांकि अभी भी तनाव की स्थिति बनी हुई है. वहीं कोई अनहोनी या घटना ना हो इसके लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.

बता दें कि कामठी गांव के अतिप्राचीन मंदिर परिसर में गोड़वाना गणतंत्र पार्टी और बड़ादेव को मानने वाले कुछ लोग परिसर के मेन गेट पर ताला जड़ दिए, जबकि ग्रामीण कई सालों से नवरात्रि के मौके पर मंदिर परिसर में दुर्गा मूर्ति का स्थापना करते आ रहे हैं. परिसर में हिन्दू समाज के कई देवी देवता का मंदिर है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि दुर्गा मूर्ति स्थापना नहीं करने दिया जा रहा है और हिन्दू देवी देवताओं के मंदिरों का नाम बदलकर अवैध रूप से कब्जा कर लिए गए हैं. मंदिरो में सतरंगी झंडा लगा दिया गया है, जिसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन से किया जा चुका है, लेकिन किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हुई.

वहीं आज सुबह से दोनों पक्षों में दुर्गा मूर्ति स्थापना को लेकर जमकर विवाद हो गया. मौके पर एसडीएम तहसीलदार सहित पुलिस बल तैनात किए गए. दोनों पक्ष समझाइश के बाद दुर्गा मूर्ति स्थापना के लिए राजी हुए. हालांकि यह विवाद काफी लंबे समय से चल रहा है. हिन्दू देवी देवताओं को नहीं मानते है जिसके कारण से हिन्दुओं की आस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. हनुमान मंदिर का नाम कुंवारा भीमाल पेन, शिवमंदिर को सल्ला गागरा पेन ठाना और नरसिंग भगवान का नाम गोड़वाना राज्य चिन्ह कर दिया गया है, जिसका विरोध ग्रामीणों के द्वारा किया जा रहा है.

वहीं दूसरी ओर गोंडवाना समाज के राष्ट्रीय संरक्षक का कहना है उक्त जगह गोंडवाना समाज का है जहां पूर्वजों के समय से पूजा पाठ करते आ रहे, उनके समाज का प्रतीक यहां है. फिलहाल इस पुरे मामला मे पंडरिया के राजा अमर सिंह ने दोनों पक्षों को समझाइश देकर मामले को शांत कराया.

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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