बालोद। जाहीद अहमद खान। जिले के देवरीबंगला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सर्दी-खांसी का इलाज कराने आई बालिका को पदस्थ फार्मेसी व चिकित्सा अधिकारी की लापरवाही से एक्सपायरी एंटीबायोटिक दवा दी गई है। ग्राम भंडेरा के राजकिशोर यादव अपनी 8 साल की बेटी रेणुका को सर्दी-खांसी होने पर शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरीबंगला में सुबह 11.30 बजे ओपीडी में पर्ची कटवाने के बाद डॉक्टर के पास लेकर पहुंचा। डॉक्टर ने जांच के बाद दवाई लिख कर दी। मरीज के पिता ने दवाई वितरण खिड़की में फार्मासिस्ट से दवाई ली और घर आ गया। पिता ने शाम को बच्ची के डॉक्टर की बताए अनुसार दवा का प्रथम डोज दिया। दूसरे दिन सुबह शीशी में दवाई की मात्रा देखने के लिए रैपर की जांच की तब पता चला कि दवा एक्सपायरी हो चुकी है।जब वापस दवाई के डब्बे को देखा उनके होश उड़ गए। जिसमें दवा की अवसान तिथि जुलाई 2022 था। दूसरे दिन जब अस्पताल प्रबंधन की इस लापरवाही को लेकर सोशल मीडिया में पोस्ट वायरल किया गया तो अस्पताल प्रबंधन में हड़कंप मच गया। मरीज के पिता राजकिशोर यादव ने बताया कि पोस्ट वायरल होने के बाद उनके पास एक फोन भी आया। जिसमे उन्हें कहा गया कि वे देवरी अस्पताल से बोल रहे है। आपको दवाई गलत मिल गया है तो अस्पताल में आकर बताना था। गौरतलब है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र देवरीबंगला में सामान्य मरीजों को भी जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया जाता है। जिसकी कई बार शिकायत की गई है। ग्रामीणों के अनुसार अस्पताल में अधिक मात्रा में एक्सपायरी दवा हो सकती है, जांच के बाद ही खुलासा होगा।
मामले की जांच की जा रही है : डॉ. नीरज
सीएससी में पदस्थ डॉ. नीरज भूसखरे ने कहा कि मामले की जानकारी मिलने के बाद जांच की जा रही है। जांच के बाद ही कुछ कह पाएंगे। मरीज का इलाज डॉ. नागेश रावटे ने किया था। उनकी पर्ची पर फार्मासिस्ट सुशील कुमार ने दवाई दी।