मनेंद्रगढ़। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में हर साल की तरह इस बार भी ऐतिहासिक बहरूपिया प्रतियोगिता का आयोजन धूमधाम से किया गया. यह प्रतियोगिता पिछले 30 सालों से न केवल जिले में, बल्कि आसपास के इलाकों में भी अपनी पहचान बना चुकी है. इस अनूठे आयोजन में रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई और अंबिकापुर समेत कई जगहों से प्रतिभागी अपनी कला का प्रदर्शन करने के लिए आते हैं.
सांस्कृतिक मंच के अध्यक्ष निखिल अग्रवाल ने बताया कि प्रतियोगिता का मुख्य उद्देश्य सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करना और साल के अंतिम दिन को एकता व उत्साह के साथ अलविदा कहना है.निखिल अग्रवाल ने बताया कि यह प्रतियोगिता हमारे व्यापारियों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से सफल होती है.इससे मनेद्रगढ़ के भाईचारे और व्यापारिक संबंधों को प्रबलता मिलती है. इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने वाले कलाकारों ने अपने अनोखे बहरूपों के माध्यम से समाज को जागरूकता का संदेश दिया.

समीर यादव ने गंगा मैया का रूप धारण कर बताया,गंगा सभी धर्मों के लिए समान है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई गंगा सबको शुद्ध करती है. यही हमारे समाज का संदेश होना चाहिए. संतोष ने युवाओं को जागरूक करते हुए कहा, दूसरों की बहन-बेटियों को गलत नजर से देखने वालों को भविष्य में पछताना पड़ सकता है.युवाओं को अपनी संस्कृति और आदर्शों को नहीं भूलना चाहिए.तो वहीं गुरुजेश सिंह ने बेटियों की सुरक्षा और उनके भविष्य को लेकर संदेश दिया कि लड़कियों को गलत संगत और माहौल से बचना चाहिए और अपने साथ दूसरों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए.

स्वास्थ्य मंत्री ने की सराहना :
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि बहरूपिया प्रतियोगिता मनेंद्रगढ़ की सांस्कृतिक पहचान बन चुकी है. यह आयोजन लाखों लोगों को जोड़ता है और नए साल की ऊर्जा के साथ भाईचारे को बढ़ावा देता है. विजेताओं को स्कूटी सहित अन्य आकर्षक पुरस्कार दिए गए.