रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के एक भी महाविद्यालय को चार वर्षीय बीए बीएड, बीकॉम बीएड और बीएससी बीएड के लिए मान्यता नहीं मिल सकी है। प्रदेश में बीएड और डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन करने वाले 140 महाविद्यालय हैं। इनमें से कई महाविद्यालय ऐसे हैं, जहां केवल बीएड का अध्यापन होता है तो कई में बीएड और डीएलएड दोनों ही पाठ्यक्रमों का संचालन होता है। बीएड-डीएलएड पाठ्यक्रमों के लिए एनसीटीई अर्थात नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन की मान्यता अनिवार्य होती है।

मान्यता के लिए 15 महाविद्यालयों ने किये आवेदन
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत दो वर्षीय पाठ्यक्रम को बंद करके चार वर्षीय बीएड पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाना है। प्रयोग के तहत प्रदेश के चार महाविद्यालयों में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड संचालित है। इन चार महाविद्यालयों के अतिरिक्त चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड प्रोग्राम के लिए मान्यता प्राप्त करने छग के 15 महाविद्यालयों ने आवेदन किया था। छग सहित अन्य राज्यों के आवेदनों पर विचार करने के उद्देश्य से नेशनल काउंसिल फॉर टीचर्स एजूकेशन की बैठक 6 और 7 जनवरी को हाइब्रिड मोड में हुई। इसमें फैसला लेते हुए आवेदनकर्ता 15 महाविद्यालयों में से 4 को नोटिस देते हुए जरूरी दस्तावेज जमा करने अथवा मान्यता आवेदन निरस्त करने की बात कही गई है, जबकि शेष 11 महाविद्यालयों के आवेदन सिरे से नकार दिए गए हैं। इन कालेजों के पास 2030 तक की मोहलत है। उसके बाद दो वर्षीय बीएड-डीएलएड पूरी तरह बंद हो जाएगा।

इन नियमों ने बाहर किए 125 कॉलेज
कड़े नियमों के कारण बीएड-डीएलएड पाठ्यक्रम का संचालन कर रहे 125 महाविद्यालय आवेदन ही नहीं कर सके हैं। आवेदन की शर्तों में बैंक द्वारा कम से कम 6 अंक प्राप्त होना, बीएड के अलावा बीए, बीकॉम अथवा बीएससी पाठ्यक्रम का भी संचालन महाविद्यालय में होना, कॉलेज का कम से कम 10 वर्ष पुराना होना जैसे नियम शामिल हैं। इन मापदंडों के कारण 125 महाविद्यालय आवेदन किए बगैर ही रेस से बाहर हो गाए। गौरतलब है कि प्रदेश के 140 शिक्षा महाविद्यालयों में बीएड के 14 हजार 700 तथा डीएलएड के 7 हजार 200 सीट हैं। इनमें आवेदन के लिए सत्र 2024-25 में लगभग 3 लाख आवेदन मिले थे।

आवेदनकर्ता 15 कॉलेजों में से 4 कॉलेजों को नोटिस दिया गया है, शेष 11 के फॉर्म सिरे से रिजेक्ट कर दिए गए।

इन कॉलेजों को मिला नोटिस :

■ सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय, नवापारा, राजिम

■ विप्र कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय, रायपुर

■ डीएलसी पीजी कॉलेज, बिलासपुर

■ मनसा कॉलेज ऑफ एजूकेशन, कुरूद, मिलाई

प्राइवेट बीएड कॉलेज एसोसिएशन के संयोजक राजीव गुप्ता ने बताया कि शिक्षा संबंधित केंद्रीय एजेंसियों का रवैख्या नकारात्मक है। परिस्थितियों के अनुसार नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए कोर्स संचालन की अनुमति प्रदान की जानी चाहिए।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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