दुर्ग। कुणाल सिंह ठाकुर। दुर्ग जिले के हेमचंद यादव विश्वविद्यालय ने दिसंबर-जनवरी में हुई सेमेस्टर परीक्षा को कुछ छात्रों द्वारा मोबाइल से नकल करने की वजह से रद्द कर दिया है। यूनिवर्सिटी की अनफेयर मींस (UFM) कमेटी ने 12 छात्रों की उत्तरपुस्तिकाएं (आंसर शीट) रद्द कर दी हैं क्योंकि ये छात्र नकल सामग्री के साथ पकड़े गए थे।
16 छात्रों की पूरी परीक्षा हुई रद्द :
इनमें से 16 मामलों को गंभीर माना गया है। इन सभी छात्रों की पूरी परीक्षा निरस्त कर दी गई है। ये छात्र बीबीए, बीकॉम और बीएससी जैसे कोर्स के प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हुए थे।
तीन तरह की नकल कैटेगरी :
UFM कमेटी नकल के मामलों को तीन कैटेगरी में रखती है:
A श्रेणी: छोटी गलती मानी जाती है, इसमें कोई सजा नहीं होती।
B श्रेणी: जिस पेपर में नकल पकड़ी जाती है, वही पेपर रद्द कर दिया जाता है।
C श्रेणी: गंभीर मामला होता है, इसमें छात्र की पूरी परीक्षा रद्द कर दी जाती है।
तुरंत नहीं होती कार्रवाई :
अगर परीक्षा के दौरान किसी के पास नकल सामग्री या मोबाइल मिलता है, तो तुरंत उसकी परीक्षा नहीं रोकी जाती। छात्र को दूसरी उत्तरपुस्तिका दी जाती है और वह परीक्षा पूरी कर सकता है। बाद में जांच के बाद फैसला लिया जाता है। अगर मामला ज्यादा गंभीर हो, तो छात्र को 3 साल तक परीक्षा देने से भी रोका जा सकता है।
वार्षिक परीक्षा में भी 48 नकल के मामले :
हाल ही में हुई वार्षिक परीक्षा में उड़नदस्ता टीम ने 48 नकल के मामले पकड़े। इनमें सबसे ज्यादा मामले मोबाइल रखने से जुड़े थे। यूनिवर्सिटी पहले ही साफ कर चुकी है कि परीक्षा कक्ष में मोबाइल लाना नकल की श्रेणी में आता है, चाहे मोबाइल का इस्तेमाल हुआ हो या नहीं।
मोबाइल पूरी तरह से बैन :
कई छात्र मोबाइल लेकर परीक्षा केंद्र में पहुंचते हैं और उसे बाहर न रखने की बजाय अंदर ले जाते हैं। अगर जांच में मोबाइल पकड़ा जाता है, तो इसे नकल का साधन मानकर कार्रवाई की जाती है। इसलिए परीक्षा हाल में मोबाइल ले जाना पूरी तरह से मना है।