सरगुजा/ उदयपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। यह खबर किसी फिल्मी सीन जैसी नहीं, बल्कि हमारे समाज की सच्चाई है, जो भविष्य की नींव को खोखला करने पर तुली है। देवटिकरा प्राइमरी स्कूल, जहां बच्चों के सपनों को उड़ान देने का काम होना चाहिए, वहां पहले दिन ही शिक्षा के मंदिर को कलंकित कर दिया गया। नए शैक्षणिक सत्र के पहले दिन हेडमास्टर रजक राम शराब के नशे में धुत होकर स्कूल पहुंचा। बच्चों के भविष्य की जिम्मेदारी लिए वह स्कूल का ताला खोलने तक की हालत में नहीं था। स्कूल के बाहर बरामदे में बेसुध पड़ा रहा। ग्रामीणों ने लाख कोशिश की, लेकिन हेडमास्टर उठा ही नहीं। यह दृश्य देख ग्रामीणों का खून खौल उठा। बच्चों की मासूम आंखें सहमी रहीं, और शिक्षा का मंदिर अपमानित हुआ।
सूचना पर बीईओ मौके पर पहुंचे तो स्कूल बंद मिला। हेडमास्टर वहां से रफूचक्कर हो चुका था। दूसरा शिक्षक चोलाराम भी बिना सूचना नदारद था। ऐसा लगा जैसे शिक्षा का मंदिर नहीं, कोई वीरान खंडहर हो! बीईओ ने तुरंत सस्पेंशन की अनुशंसा कर डीईओ को रिपोर्ट भेजी।
सवालों के कटघरे में शिक्षा व्यवस्था :
आखिर ऐसा कब तक चलेगा? क्या स्कूलों को बर्बादी के कगार पर पहुंचाने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी फाइलों में दब जाएगा? स्कूल को तो बख्श दो! विनती है — ये आने वाली पीढ़ी की नींव है। इसे नशे और लापरवाही की भेंट न चढ़ने दो।