नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। पुलिस कर्मचारियों और RTO पर जहां यातायात और वहान से जुड़े नियमों का पालन कराने की जिम्मेदारी है वहीं नियमों को तोड़ने वालों पर कार्रवाई करने के भी अधिकार दिए गए हैं। हालांकि कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं जब ये पुलिस और RTO अपने अधिकारों का गलत इस्तेमाल करते हुए पाए गए और भ्रष्टाचार करने में लिप्त रहे। इनको लेकर कई बार ऐसी शिकायतें भी आ गई कि ये नियमों का पालन करने वाले वाहनों और ड्राइवरों को भी परेशान करते हैं। अब एक रिपोर्ट के जरिए कहा गया कि इनकी तरफ से ट्रकों को बेवजह रोकने से कई तरह की मुश्किलें सामने आ रही हैं। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की रिपोर्ट – लीड्स 2022 (विभिन्न राज्यों में लॉजिस्टिक सुगमता) में एक बात कही गई है कि पुलिस और परिवहन विभाग के अधिकारियों (RTO आदि) द्वारा ट्रकों को बेवजह रोकने से उद्योग की लॉजिस्टिक लागत बढ़ रही है। इस मसले को विभिन्न राज्यों में उद्योग ने एक प्रमुख परिचालन और नियामकीय चिंता बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘यातायात पुलिस द्वारा कॉमर्शियल वाहनों को अनुचित रूप से रोकने से माल की आपूर्ति में देरी होती है।’’ कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल और बिहार सहित कई राज्यों ने RTO और पुलिस अधिकारियों द्वारा ट्रकों को बेवजह रोकने के मुद्दे को उठाया। लॉजिस्टिक क्षमता में सुधार के तरीकों पर मंत्रालय को सुझाव देते हुए असम के उद्योग ने कहा कि असम को कोलकाता से जोड़ने वाले राजकीय राजमार्ग पर माल की चोरी के मामले सामने आ रहे हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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