
लोरमी से इस वक्त की बड़ी खबर निकलकर आ रही है सामने। शासकीय कर्मचारी होकर भी गरीबों का हक़ हड़पती रही शिक्षिका, फर्जी बीपीएल कार्ड से 5 साल तक चावल का आहरण
मुंगेली लोरमी, कुणाल सिंह ठाकुर । खाद्य सुरक्षा कानून और शासन-प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करने वाला सनसनीखेज मामला सामने आया है। शासकीय शिक्षिका होते हुए भी संबंधित महिला द्वारा कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर बीपीएल राशन कार्ड बनवाकर पिछले लगभग 5 वर्षों से गरीबों को मिलने वाले चावल का लाभ उठाया जा रहा है।जानकारी के अनुसार, स्वघोषणा पत्र और शपथ पत्र देकर राशन कार्ड बनवाया गया, जबकि नियमों के अनुसार सरकारी कर्मचारियों को बीपीएल/एनएफएसए का लाभ मिलना ही नहीं चाहिए। इसके बावजूद शिक्षा विभाग से लेकर खाद्य विभाग तक ने आंखें मूंद रखीं, जिससे यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकारी कर्मचारी अब कानून से ऊपर हो गए हैं?मामले में चौंकाने वाला मोड़ तब आया जब राशन कार्ड की मुखिया ने अपने पति पर जबरन कार्ड बनवाने का आरोप लगाया, वहीं दूसरी ओर शिक्षिका के पक्ष में खड़े रिश्तेदार ने खुद को कांग्रेस नेता बताकर मामले को दबाने की कोशिश की। राजनीतिक दबाव और प्रशासनिक चुप्पी ने पूरे प्रकरण को और भी गंभीर बना दिया है।वह कौन शिक्षिका है और कहां पदस्त है जिसका 48 घंटे के अंदर किया जा सकता है ।
