रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के साल 2023 चुनावी है। एक तरफ जहां- राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में लगे हुए हैं, तो वहीं संविदा कर्मचारियों ने हड़ताल के रास्ते में चलने का मन बना लिया है, ताकि सरकार पर दबाव बनाकर अपनी मांगे मनवा सकें। दरअसल करीब 45000 संविदा कर्मियों ने ऐलान किया है कि वह आगामी 16 से लेकर 20 जनवरी तक हड़ताल में चले जायेंगे। इसके बाद भी सरकार ने कोई फैसला नहीं लिया, तो बड़े प्रदर्शन की रुपरेखा तय की जाएगी।
संविदा कर्मचरियों के महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा कि महासंघ के प्रांतीय अधिवेशन में निर्णय लिया गया कि आगामी 16 से 20 जनवरी तक पूरे छत्तीसगढ़ भर में संविदा कर्मचारी हड़ताल पर रहेंगे। राज्य सरकार से 26 जनवरी को संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण की घोषणा करने की अपील करेंगे। तिवारी ने कहा कि अगर सरकार इस बारे में सकारात्मक रुख नहीं दिखाएगी,तब 30 जनवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन पूरे प्रदेश भर में आगाज़ किया जाएगा। संगठन के नेता हेमंत सिन्हा ने जानकारी दी कि कर्मचारियों से जुड़ी दिक्कतों को लेकर सरकार के मंत्री और अफसरों से मेल मुलाकात का समय मांगा गया, लेकिन हमे वक़्त नहीं दिया गया। सरकार हमसे बात नहीं करना चाहती है, लिहाजा मजबूरी में कर्मचारियों को हड़ताल पर जाना पड़ेगा। संविदा कर्मचारी विधानसभा शीतकालीन विधानसभा सत्र में भी अपने नियमितीकरण की घोषणा को लेकर काफ़ी उम्मीद में थे। उन्होंने 54 विभागों के सभी संविदा कर्मचारियों की तरफ से इस हड़ताल की घोषणा से आम लोगों के सरकारी कार्य प्रभावित हो सकते हैं।
इधर इस मामले में सरकार के मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि राज्य में 17629 कर्मचारी दैनिक वेतन भोगी हैं। मामला संवेदनशील है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि उनकी मांगे हमारे जन घोषणा पत्र में अंकित है। कांग्रेस सरकार ने भी जन घोषणा पत्र को क्रियान्वित करने की मंशा मुताबिक एक-एक करके उनको पूरा कर रही है ।