रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो दिवसीय दौरे पर आज छत्तीसगढ़ आ रहे हैं। वे शनिवार को जगदलपुर में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 84वें स्थापना दिवस समारोह में शामिल होंगे। चुनावी साल में शाह का छत्तीसगढ़ दौरा काफी अहम माना जा रहा है। जानकार बताते हैं कि शाह के इस दौरे से नक्सलियों के खिलाफ एक तरफ बड़ी रणनीति बनाई जा सकती है तो दूसरी तरफ नक्सलियों पर साइकोलॉजिकल प्रेशर बढ़ाने पर भी प्लान बन सकता है।

छत्तीसगढ़ के दो दिवसीय प्रवास के लिए गृहमंत्री अमित शाह आज जगदलपुर पहुंचेंगे। तय कार्यक्रम के मुतािबक शाम 5 बजे शाह विशेष विमान (बीएसएफ एम्बेयर) से जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद वे करणपुर कोबरा 201 बटालियन के हेडक्वॉर्टर जाएंगे। वहां कैंप में जवानों और अधिकारियों की मीटिंग लेंगे। इसके बाद जवानों के साथ सामूहिक भोजन करेंगे। कोबरा बटालियन हेडक्वॉर्टर में शाह रात्रि विश्राम करेंगे।

जगदलपुर में सीआरपीएफ फाउंडेशन डे :
अगले दिन 25 मार्च शनिवार को को अमित शाह सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस कार्यक्रम में सुबह 8 बजे से 10.30 बजे तक शामिल होंगे। स्थापना दिवस में शामिल होने के बाद वापस हेलीकॉप्टर से जगदलपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे और विशेष विमान से गृहमंत्री नागपुर के लिए रवाना होंगे।

नक्सलियों के खिलाफ शाह बनाएंगे बड़ी रणनीति :
केंद्रीय गृह मंत्री का बस्तर दौरा कई मायनों में अहम है। क्योंकि बस्तर में नक्सलियों की धमक लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में अमित शाह का दौरा नक्सल समस्या के समाधान के लिए भी काफी खास माना जा रहा है। जगदलपुर में जवानों की हौसला अफजाही के साथ ही नक्सलियों के खात्मे को लेकर भी रणनीति बनाने की संभावनाएं हैं।

सीआरपीएफ के जरिए साइकोलॉजिकल प्रेशर :
“सीआरपीएफ का 84वां स्थापना दिवस कार्यक्रम जगदलपुर में आयोजित करना एक रणनीति के तहत है। स्थापना दिवस समारोह के जरिए नक्सलियों पर साइकोलॉजिकल प्रेशर डालने की कोशिश की जा रही है। दिल्ली से सीआरपीएफ की महिला ऑफिसर बुलेट से बस्तर आई हैं। इसके जरिए भी ये मैसेज देने की कोशिश की जा रही है कि अब किसी तरह की कोई नक्सली गतिविधियां ना छत्तीसगढ़ बर्दाश्त करेगा ना ही राष्ट्र बर्दाश्त करेगा।”

नक्सलमोर्चे पर तैनात जवानों का बढ़ेगा हौसला : “गृह मंत्री अमित शाह के आने से निश्चित ही सीआरपीएफ जवानों का मनोबल बढ़ने के साथ ही नक्सली बैकफुट पर आएंगे। इससे हमारे आदिवासी भी खुद को सुरक्षित महसूस करेंगे। जवानों के प्रति आदिवासियों की विश्वसनीयता बढ़ेगी। जगदलपुर में सीआरपीएफ के स्थापना समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी के जरिए केंद्रीय नेतृत्व ये बताना चाहता है कि नक्सल समस्या सिर्फ बस्तर या छत्तीसगढ़ की समस्या नहीं बल्कि केंद्रीय समस्या है। निश्चित तौर पर इसके अच्छे परिणाम आएंगे और एक साइकोलॉजिकल प्रेशर नक्सलियों पर पड़ेगा। आने वाले समय में नक्सल गतिविधियों में कमी आएगी।”

सदन में बात धरातल में कुछ और :
जानकार बताते हैं “नक्सलियों को लेकर गोली का जवाब गोली से और बातचीत का जवाब बातचीत से मैसेज दिए जाते हैं। लेकिन जमीनी हकीकत में ये चीजें दिखती नहीं है। हालांकि इन सबसे नक्सल गतिविधियों में आशिंक कमी आई है। लेकिन ओवरऑल कैलकुलेशन देखें तो 200 से ढाई सौ एवरेज हत्याएं बस्तर संभाग में सालभर में हो रही है। पिछले 5 साल में ये घटनाएं लगातार बढ़ी है।

देश के पहले सीएम जिसने सबसे ज्यादा जवानों को दी श्रद्धांजलि :
“पिछली सरकार में रमन सिंह हिंदुस्तान के ऐसे सीएम रहे, जिन्होंने सबसे ज्यादा शहीदों को श्रद्धांजलि दी। सरकार की तरफ नक्सलवाद को खत्म करने की ईमानदार कोशिश होनी चाहिए। हमारे पास जो भी ड्रोन है वे सिर्फ मैसेज देने के लिए है। वह अग्रेशन के लिए नहीं है। हमारे पास हथियारबंद ड्रोन होने चाहिए लेकिन वे नहीं है। जवानों के पास खास हथियार होने चाहिए लेकिन वे हमारे पास नहीं है। इसका पता जवानों से बात करने पर चलता है।” सरकार को जवानों से बात कर उन कमियों को ढूंढना चाहिए। उम्मीद है शाह के इस दौरे से इन कमियों को दूर कर नक्सलवाद को खत्म करने एक पुख्ता रणनीति बनाई जाएगी।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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