बालोद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के बालोद जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। रोड चौड़ीकरण के नाम पर बिना अनुमति सड़क किनारे लगे वन विभाग के अंतर्गत आने वाले पेड़ों को ठेकेदार द्वारा वाहन और रोड रोलर के माध्यम से गिराया गया है। इस मामले पर शिकायत किए जाने पर जिले के वन विभाग द्वारा केवल नाममात्र की कागजी कार्यवाही की गई और पेड़ों को गिराने में संलिप्त मशीन (वाहन) को छोड़ दिया गया। आपको बता दें, मामला सिर्फ कुछ पेड़ों को गिराने का नहीं बल्कि सैकड़ों पेड़ों को गिराने का है।

दरअसल, बालोद वन परिक्षेत्र के घोटिया चौक से हर्राठेमा सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा है। जंगल के बीचों बीच सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। पहले सड़क की चौड़ाई कम थी अभी चौड़ाई भी ज्यादा की जा रही लेकिन, विभाग या ठेकेदार के द्वारा वन विभाग से पेड़ों को काटने की एनओसी नहीं ली गई है। पेड़ो को काटा नहीं रोड बनाने वाले वाहन के माध्यम से गिराया गया है। कई पेड़ निर्माणाधीन सड़क के किनारे गिरे पड़े हुए हैं जो मर गये है। जहां एक ओर छत्तीसगढ़ सरकार पुरे प्रदेश में पर्यावरण दिवस मनाकर लोगों से पेड़ लगाने की अपील कर रही तो वहीं दूसरी ओर बालोद वन विभाग उनके ही सपनों पर ग्रहण लगा रही।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ठेकेदार कवर्धा जिले का है। सड़क निर्माण के दौरान कवर्धा के एक ठेकेदार को जिले के वन विभाग द्वारा सीधा लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। इस मामले को राजधानी में बैठे वन विभाग के उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया, जिसके बाद बालोद वन विभाग ने खानापूर्ति के लिए उक्त वाहन को सिर्फ एक रात के लिए जब्त किया। सुबह उक्त ठेकेदार की टीम वन परिक्षेत्र कार्यालय में पहुंची, फिर नज़ारा देखने लायक था। ठेकेदार और उसकी टीम के पहुंचने के बाद पुरा वन अमला कागजी कार्यवाही में भीड़ गया। वन अमला तत्काल गाड़ी छोड़ने के लिए मेहनत कर रहा था। वहीं एक ही दिन में बालोद वन विभाग की टीम ने लगभग 15 किमी के दायरे में निर्माणाधीन सड़क के दोनों ओर गिरे हुए पेड़ों का आंकलन भी कर लिया और जुर्माना भी लगा दिया। बता दें, वाहन के द्वारा गिराए हुए पेड़ों की संख्या अधिक थी, फिर भी मात्र खानापूर्ति के लिए कम पेड़ों का जुर्माना लगाया गया। वहीं ज़मीनी स्तर पर जांच हो तो, सैकड़ों पेड़ सड़क के दोनों ओर गिरे हुए नज़र आएंगे। इससे पूर्ण रूप से नाममात्र की कार्यवाही साफ़ दिख रही है। जबकि वन विभाग द्वारा किसी भी गाड़ी को जब्त करने के बाद 15-20 दिनों तक उक्त वाहन और उसके मालिक की पूछ-परख तक नहीं होती थी। लेकिन जब्त वाहन मामले में बालोद वन विभाग द्वारा तत्काल प्रभाव से काम करते हुए अगले ही दिन गाड़ी को रिलीज़ कर दिया गया। इस मामले में उक्त वाहन पर 5500 की चालानी कार्यवाही की गई, वहीं सैकड़ों पेड़ों को गिराने/मारने के बदले मात्र 34500 रूपए की चालानी कार्यवाही की गई। इस मुद्दे पर बालोद वन विभाग की टीम बधाई की पात्र है।
आपको बता दें, बालोद वन परिक्षेत्र के घोटिया चौक से हर्राठेमा तक विगत 2 महीने से सड़क निर्माण के दौरान जेसीबी और अन्य वाहनों से पेड़ों को रौंदने और गिराने का मामला संयुक्त जिला कार्यालय के सभाकक्ष में होने वाले दिशा की बैठक में भी उठेगा।