रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (SCERT) छत्तीसगढ़ में शिक्षा में सुधार और इसे बढ़ावा देने लगातार कार्य कर रही है। SCERT के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए गए कार्यों से प्रदेश का भविष्य उज्ज्वल होता जा रहा है। एससीईआरटी का कार्य शिक्षकों को ट्रेनिंग देना और उन्हें बच्चों को कैसे शिक्षित करना है ये बताना होता है। आपको बता दें एससीईआरटी किताबे नहीं छापती।
एससीईआरटी (SCERT) पर लगाए जा रहे बेबुनियाद आरोप : आपको बता दें प्रदेश में पुस्तकों/किताबों को प्रिंट(छापने) का कार्य पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा किया जाता है। बावजूद इसके एकात मीडिया पोर्टल द्वारा पुस्तक प्रिंट करने के इस कार्य को एससीईआरटी का बता कर आचार संहिता में राज्य सरकार का प्रचार करना बताया जा रहा है। जो की पूर्णतः गलत जानकारी है जिसे आम जनता को गुमराह करने के लिए प्रसारित किया जा रहा है। जो कार्य पाठ्य पुस्तक निगम का है उसे SCERT कर ही नहीं सकती।
SCERT का कार्य : प्रदेश में एससीईआरटी का दायित्व शिक्षकों के ट्रेनिंग करना होता है। उन्हें बच्चों को कैसे शिक्षित करें, बच्चों को पढ़ने में कैसे आगे बढ़ाए, बच्चों और उनके परिजनों को शिक्षा के प्रति प्रेरित करना होता है। एससीईआरटी किताबें प्रिंट नहीं करती, इसमें आचार संहिता का उल्लंघन SCERT नहीं करती है। एससीईआरटी के कार्यों की वजह से ही प्रदेश में शिक्षा के स्तर में सुधार भी देखा गया है।