बालोद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के बालोद जिले में श्रम विभाग के एक कर्मचारी द्वारा शासन की योजनाओं का दुरूपयोग किया गया था। एक कर्मचारी ने अपनी पत्नी के नाम से शासकीय योजनाओं का लाभ उठाया था। जिस पर ‘द मीडिया पॉइंट (themediapoint.in) लगातार अपनी नजर बनाया हुआ था, उसपर अब कार्यवाही आदेश जारी कर दिया गया है। बता दें, सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार इस मामले पर उक्त कर्मचारी के ऊपर एफआईआर करने का आदेश बालोद श्रम विभाग को जारी किया गया है। अब देखना यह होगा कि कब तक बालोद श्रम विभाग के अधिकारी थाने पहुंचकर मामला दर्ज कराते हैं।
ये है पूरा मामला :
बालोद जिले के श्रम विभाग के एक कर्मचारी द्वारा शासन की योजनाओं का दुरूपयोग किया जा रहा था। उक्त कर्मचारी ने अपनी पत्नी की सहायता से या कहा जाए तो अपनी पत्नी का श्रमिक कार्ड बनाकर उससे योजनाओं के पैसों को डकारा जा रहा था। यह किसी भी तरीके से संवैधानिक नहीं है। इसके अलावा उक्त कर्मचारी का उसकी पत्नी के नाम से चॉइस सेंटर भी है जिसमे ज्यादा रूपए लेकर अवैध रूप से कार्ड निर्माण का कार्य किया जाता है, ऐसा सूत्र कहते है। शासन की योजनाओं का लाभ उचित व्यक्ति के बदले उक्त कर्मचारी द्वारा अपने घर के खाते में डाला जा रहा था।
द मीडिया पॉइंट ने उठाया मामला :
इस मामले पर सबसे पहले सवाल हमारे पोर्टल द मीडिया पॉइंट द्वारा उठाया गया था। मामले पर पहले सारे प्रूफ इकठ्ठा किए गए। फिर बड़े अधिकारियों को इस मामले से अवगत कराया गया। तत्पश्चात तत्काल जांच और कार्यवाही के निर्देश दिए गए, जिसमे जांच के बाद आज कार्यवाही आदेश जारी किया गया है।
इस मामले पर अध्यक्ष और अधिकारियों ने दिया साथ :
बालोद श्रम विभाग मामले पर श्रम विभाग के बड़े अधिकारियों से भी चर्चा की गई। जिसपर श्रम विभाग एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार मंडल के अध्यक्ष (केबिनेट मंत्री दर्जा) सुशील सन्नी अग्रवाल ने तत्काल जांच आदेश जारी किए और कार्यवाही की गति को तेजी प्रदान की। इस मामले पर राज्यपाल सचिव एवं श्रम विभाग सचिव अमृत खलखो ने भी तत्परता दिखाते हुए कार्यवाही आदेश जांच पश्चात जारी करवाने का निर्देश दिया। बताया जा रहा है कि सहायक आयुक्त सविता मिश्रा ने बालोद श्रम विभाग के अधिकारी को उक्त कर्मचारी के ऊपर एफआईआर के आदेश दिए है, जिसपर कार्यवाही होनी है।
कुछ विभागीय अधिकारीयों की मिलीभगत से मामले को दबाने का किया गया प्रयास :
बालोद श्रम विभाग का मामला उठते ही पुरे प्रदेश में आग की तरह फैल गया। मामले को उठता हुआ देखते ही बालोद श्रम विभाग के अधिकारी अपना बहाना देते लोगो को नजर आए। मामले को बिना किसी को बताए दबाने का संपूर्ण प्रयास किया गया लेकिन बड़े अधिकारियों और द मीडिया पॉइंट इस मामले पर अपनी पैनी नजर बनाए हुए थे।