रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस अपने कद्दावर नेताओं को लोकसभा चुनाव लड़ा रही है। कुछ बड़े नेताओं ने पार्टी का प्रस्ताव स्वीकार भी किया है। इसके साथ ही पूर्व डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव के पास भी पार्टी की तरफ से प्रस्ताव आया था। कांग्रेस चाहती थी कि टीएस सिंहदेव बिलासपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ें। टीएस सिंहदेव ने पार्टी के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। उनके न कहने के बाद यह कहा जा रहा था कि उन्होंने हार के डर की वजह से मना कर दिया है। एक अखबार को दिए इंटरव्यू में टीएस सिंहदेव ने बताया है कि वह क्यों लोकसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
हार का नहीं था डर:
दरअसल, एक इंटरव्यू में टीएस सिंहदेव ने कहा है कि पार्टी की तरफ से मेरे पास ऑफर आया था। मैंने बिलासपुर से चुनाव लड़ने से मना कर दिया। पूर्व डेप्युटी सीएम ने कहा कि इसके पीछे की वजह हार का डर नहीं था। मेरे व्यक्तिगत कारण थे। मेरे पास चुनाव लड़ने के लिए पैसे नहीं थे। चुनाव लड़ने बहुत पैसा खर्च होता है। कुछ दिन पहले ही हमने अपनी बेटी की शादी की है। उसमें बहुत खर्च हुआ है।
चुनाव लड़ता तो बढ़ जाता कर्ज: उन्होंने उस इंटरव्यू में कहा है कि अगर मैं लोकसभा चुनाव लड़ता तो मार्केट से कर्ज लेना पड़ता है। मैंने इसी वजह से चुनाव लड़ने से मना कर दिया। इसके साथ ही टीएस सिंहदेव ने कहा कि कुछ बीमारी से भी हमलोग गुजर रहे हैं। इसमें भी बहुत खर्च हो रहा है। विधानसभा चुनाव में भी बहुत खर्च हुए हैं। परिस्थिति ऐसी नहीं थी कि हम चुनाव में भाग ले पाते।
टीएस सिंहदेव को है पार्टी की जीत की उम्मीद: इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। 11 में से 8 सीटों पर हम जीत की स्थिति में है और तीन पर तगड़ा मुकाबला है। वहीं, भूपेश बघेल को लेकर उन्होंने कहा कि वह अच्छा चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी जीत दिख रही है। बागियों की वापसी पर टीएससिंह देव ने कहा कि यह ठीक नहीं है। उनलोगों ने कुछ ऐसा किया था, जिसकी वजह से बाहर का रास्ता दिखाया गया था।गौरतलब है कि भूपेश सरकार में टीएस सिंहदेव नंबर टू थे। उन्हें विधानसभा चुनाव के पहले डेप्युटी सीएम बनाया गया था। हालांकि पार्टी की यह रणनीति काम नहीं आई। बीच-बीच में भूपेश बघेल के साथ टशन की खबरें भी आती थी।