छत्तीसगढ़ शिक्षा मंडल (Chhattisgarh Education Board) की कक्षा 12वीं (12th Board Result) की स्टूडेंट के 63 प्रतिशत अंक आए थे. जबकि उसे मैरिट में आने की उम्मीद की थी.

ये सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सकी और फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. वहीं, इस घटना के बाद एक बार फिर चर्चा का दौर शुरू हो गया है कि सोसाइटी बच्चों पर मैरिट में आने को लेकर किस कदर का दबाव बनाया जा रहा है. बच्चों के अंदर भी यह सोच इतना हावी है कि प्रथम श्रेणी में आकर भी ऐसा कदम उठाया जा रहा है.

परिणाम छात्रा की उम्मीद के विपरीत निकला:

छात्रा ने जब 12वीं बोर्ड का पेपर दिया तो उसे उम्मीद थी कि मैरिट में उसे जगह मिलेगी. उसे 90 % से ज़्यादा की उम्मीद थी… लेकिन परिणाम उसकी उम्मीद के उल्टा निकला और उसे सिर्फ 63% अंक ही मिले.

बता दें कि छात्रा वसुंधरा बारले (Vasundhara Barle) विधानसभा थाना क्षेत्र के सकरी गांव की रहने वाली थी. उसके पिता केवलदास बारले की गांव में किराना और कपड़े की दुकान है. जबकि उसके चाचा टीचर हैं. ऐसे में घर में पढ़ाई का बेहतर माहौल रहा है. वसुंधरा भी पढ़ाई में तेज थी. उसके अच्छे अंक आते थे. इस बार भी जब 12वीं बोर्ड का पेपर दी तो उसे उम्मीद थी कि मैरिट में उसे जगह मिलेगी…. यानी 90 परसेट से अधिक की उम्मीद. लेकिन परिणाम उसकी उम्मीद के विपरीत निकला और 63% अंक ही मिले.

कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी:

छात्रा रिजल्ट आने के बाद से परेशान थी. वहीं, शनिवार की रात उसने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी. परजिनों को पता चला तो हड़कंप मच गया. उन्होंने पुलिस को जानकारी दी.

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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