रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। रायपुर जिले में 17 हजार पंजीकृत ई-रिक्शा हैं। इनमें से 12 हजार से अधिक ई-रिक्शा शहर में दौड़ रहे हैं। ई-रिक्शा के लिए न ही लाइसेंस की अनिवार्यता है और न ही इसके लिए कोई रूट प्लान तैयार किया गया है।
इसके कारण ई-रिक्शा चालक मनमाने तरीके से हर रूट की सड़कों पर हजारों की संख्या में दौड़ रहे हैं। इन रिक्शों की बढ़ती संख्या के कारण शहर के कई रूटों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है। यही नहीं, सवारी बैठाने के नाम पर ई-रिक्शा के चालक अब सड़कों पर बेतरतीब तरीके से खड़े करने लगे हैं, जिसके कारण सुबह से 10 से रात 9 बजे तक जगह-जगह जाम की समस्या भी निर्मित हो रही है।
ई-रिक्शा के कारण इन रूटों पर बढ़ा ट्रैफिक का दबाव :
ई-रिक्शा के कारण रेलवे स्टेशन से घड़ी चौक, शास्त्री चौक से कालीबाड़ी, सिद्धार्थ चौक, पचपेड़ी नाका, संतोषीनगर, फाफाडीह चौक से जयस्तंभ चौक, मालवीय रोड, जयस्तंभ चौक से फूल चौक, तात्यापारा, आमापारा, बूढ़ापारा चौक से पुरानी बस्ती, लाखेनगर, सुंदर नगर, रायपुरा चौक से महादेव घाट तक, चांदनी चौक नेहरू नगर से बसस्टैंड, भाठागांव चौक, पंडरी से लोधीपारा चौक, भगतसिंह चौक से शंकरनगर चौक सहित कई मार्ग हैं, जहां ई-रिक्शा हजारों की संख्या में चल रहे हैं। इसके कारण इन मार्गों पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ा है।
थानों के सामने ही बेतरतीब तरीके से खड़े कर रहे ई-रिक्शा :
लाइसेंस अनिवार्य नहीं होने के कारण ई- रिक्शा चालकों में पुलिस का खौफ भी नहीं रहा। इसके कारण चालक अब ई-रिक्शा को सड़कों पर कहीं भी सवारी बैठाने के लिए खड़ा कर देते हैं। यही नहीं, शहर के कई ऐसे थाने हैं, जिनके सामने और आसपास सड़कों पर ही चालक बेतरतीब तरीके से ई-रिक्शा पार्क कर देते हैं।
बाजार में भी दिनभर लोग जाम में फंसते रहते हैं :
शहर के प्रमुख व्यावसायिक बाजार में भी ई-रिक्शा के कारण लोगों की परेशानी बढ़ी हुई है। गोलबाजार, सदरबाजार, चूड़ीलाइन, शास्त्री बाजार, पंडरी सहित अन्य बाजार में ई-रिक्शा के प्रवेश करने से ट्रैफिक जाम की समस्या बन रही है। बाजार में ई-रिक्शा का सवारी के साथ मालवाहक के रूप में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके कारण बाजार में भी दिनभर लोग जाम में फंसते रहते हैं।