रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले के कलेक्ट्रेट कार्यालय में 10 जून को हुई हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी के लिए कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को जिम्मेदार माना जा रहा है. उन पर हिंसा से पहले भड़काऊ भाषण देने का आरोप है. उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद 17 अगस्त को भारी संघर्ष के बाद पुलिस देवेंद्र यादव को गिरफ्तार कर जेल भेजा था. इस मामले में आज सुनवाई होनी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि यह सुनवाई पिछली सुनवाई की तरह ही वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से होगी.

बलौदा बाजार के गिरौदपुरी धाम से लगे ग्राम महकोनी के अमरगुफा में तीन जैतखाम काटकर फेंके जाने, मंदिर का गेट तोड़ने की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर सतनाम पंथ के लोगों ने 10 जून को धरना प्रदर्शन आंदोलन का आयोजन किया रहा. बलौदा बाजार के दशहरा मैदान में आयोजित प्रदर्शन के बाद संयुक्त जिला कार्यालय में तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा की घटना हुई थी. इसमें शामिल होने भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव भी पहुंचे थे. इसी मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई है. जेल में बंद भिलाई नगर से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड 20 अगस्त को 7 दिनों के लिए फिर बढ़ा दी गई थी. वे 17 अगस्त से जेल में हैं. बता दें कि नाटकीय अंदाज में हुई उनकी गिरफ्तारी के बाद से राज्यभर में सियासी पारा गरम हो गया है.

कांग्रेस पार्टी ने अब तक सभी जिलों में धरना प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपकर राज्य की सरकार से विधायक सहित बलौदा बाजार हिंसा में गिरफ्तार किए गए तमाम लोगों को निर्दोष बताकर छोड़ने की मांग की है. हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ के मामले में 184 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इधर केंद्रीय जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव के मामले में आज बलौदा बाजार न्यायालय में सुनवाई होगी.

बलौदा बाजार के ग्राम महकोनी स्थित अमर गुफा में सतनामी समाज के पवित्र धार्मिक चिन्ह जैतखाम के अपमान के विरोध में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर सतनामी समाज के अलग-अलग संगठनों ने 10 जून को बड़ा आंदोलन किया था. जिसे समर्थन देने के लिए विधायक देवेंद्र यादव भी पहुंचे थे. इस आंदोलन में शामिल भीड़ संयुक्त जिला कार्यालय परिसर में हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी को अंजाम देते हुए एसपी कार्यालय में आग लगा दी थी.

पुलिस ने विधायक देवेंद्र यादव के ऊपर थाना सिटी कोतवाली में दर्ज अपराध क्र. 386/2024 धारा 153A, 501(1), 505(1)(B), 501(1) (C),109, 120बी, 147, 148, 149, 186, 353, 332, 333, 307, 435, 436, 341, 427 भादवि एवं 03, 04 सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम 1984 की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.