रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। हिंदू धर्म में आश्विन मास का बहुत महत्व है, क्योंकि इसी पावन मास में पितरों की विशेष पूजा की जाती है। सनातन परंपरा में पितृपक्ष के दौरान लोग अपने पितरों के निमित्त पूजा, तर्पण एवं पिंडदान आदि करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। पितृपक्ष न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से बल्कि ज्योतिष की दृष्टि से भी बहुत ज्यादा महत्व रखता है, क्योंकि पितरों की पूजा करने से न सिर्फ उनका आशीर्वाद मिलता है, बल्कि कुंडली से जुड़ा पितृदोष भी दूर होता है। आइए पितृपक्ष, जिसे श्राद्ध पक्ष के नाम से भी जाना जाता है, वह कब से शुरु होगा और क्या है इससे जुड़े नियम, आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

कब से शुरू होगा पितृपक्ष?
हिंदू धर्म में भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर आश्विन मास की अमावस्या तक समय को पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है। जिसकी शुरुआत इस साल 10 सितंबर 2022 से होने जा रही है। पितृपक्ष इस साल 25 सितंबर 2022 तक रहेगा। इसमें प्रत्येक व्यक्ति आने घर-परिवार से जुड़े दिवंगत लोगों का श्राद्ध और तर्पण उनकी तिथि के अनुसार करता है, ताकि उसकी आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति हो सके।

पितृपक्ष का धार्मिक महत्व :
हिंदू धर्म में पितृपक्ष के दौरान पितरों की विशेष पूजा करके उनकी मुक्ति की कामना की जाती है। मान्यता है कि श्रद्धा के साथ पितरों का श्राद्ध करने पर व्यक्ति का पितरों का पूरा आशीर्वाद बरसता है, जिससे उसे जीवन में सभी प्रकार के सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं पितरों की उपेक्षा करने पर व्यक्ति को पितृदोष लगता है, जिसके कारण उसे जीवन में तमाम तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती हैं।

पितृपक्ष से जुड़े जरूरी नियम :
हिंदू मान्यता के अनुसार पितृपक्ष में किसी भी प्रकार का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इस दौरान सिर्फ और सिर्फ पितरों के लिए पिंडदान, तर्पण आदि करने का विधान है। जिसके तहत परिवार से जुड़े किसी दिवंगत व्यक्ति की तिथि पर किसी ब्राह्मण पुरुष या महिला को आदर के साथ बुलाकर सात्विक भोजन कराना चाहिए। साथ ही साथ उसे अपनी क्षमता के अनुसार दान देकर ससम्मान विदा करना चाहिए। पितृपक्ष के दौरान भूलकर भी तामसिक चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए और न ही पितरों के निमित्त किसी चीज का दान करते समय किसी भी प्रकार का अभिमान और प्रदर्शन करना चाहिए।

पितृपक्ष की प्रमुख तिथियां :
पूर्णिमा श्राद्ध – 10 सितंबर 2022- प्रतिपदा श्राद्ध – 10 सितंबर 2022 द्वितीया श्राद्ध – 11 सितंबर 2022 तृतीया श्राद्ध – 12 सितंबर 2022 चतुर्थी श्राद्ध – 13 सितंबर 2022 पंचमी श्राद्ध – 14 सितंबर 2022 षष्ठी श्राद्ध – 15 सितंबर 2022 सप्तमी श्राद्ध – 16 सितंबर 2022 अष्टमी श्राद्ध – 18 सितंबर 2022 नवमी श्राद्ध – 19 सितंबर 2022 दशमी श्राद्ध – 20 सितंबर 2022 एकादशी श्राद्ध – 21 सितंबर 2022 द्वादशी श्राद्ध – 22 सितंबर 2022 त्रयोदशी श्राद्ध – 23 सितंबर 2022 चतुर्दशी श्राद्ध – 24 सितंबर 2022 अमावस्या श्राद्ध – 25 सितंबरर 2022

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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