कोरबा। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां मंगलवार को ग्यारहवीं कक्षा की एक छात्रा ने अपने आदिवासी आवासीय विद्यालय के शौचालय में एक बच्चे को जन्म दिया और नवजात को खिड़की से बाहर फेंक दिया.
नवजात की हालत गंभीर बनी हुई है. हॉस्टल वार्डन को लापरवाही बरतने और घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित नहीं करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है.
लड़की की उम्र महज 17 साल :
अधिकारियों का कहना है कि छात्रा की उम्र 17 साल है और बच्चे का जन्म समय से पहले, शायद सातवें या आठवें महीने में हुआ था. रायपुर से लगभग 170 किमी दूर आवासीय विद्यालय आदिवासी विकास विभाग द्वारा चलाया जाता है. मंगलवार को, अन्य छात्रावासियों ने छात्रावास के अधिकारियों को सूचित किया कि लड़की गंभीर रूप से बीमार है.
किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया और फेंक दिया :
जब छात्रावास अधीक्षिका जय कुमारी रात्रे उसे देखने गईं तो वह यह जानकर भयभीत हो गईं कि किशोरी ने बच्चे को जन्म दिया है और बच्चे को बाहर फेंक दिया है. छात्रावास के कर्मचारी छात्रावास के पिछवाड़े में भागे और बच्चे को पाया. उसके एक पैर में पहले से ही किसी चीज़ ने काट लिया था. उन्होंने बच्चे को अस्पताल पहुंचाया. कम उम्र की मां की तबीयत भी तेजी से बिगड़ने लगी और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
छात्रावास अधीक्षक को किया गया निलंबित :
वहीं कोरबा कलेक्टर अजीत वसंत ने लड़की की गर्भावस्था पर ध्यान न देने पर छात्रावास अधीक्षक को निलंबित कर दिया और स्वास्थ्य और महिला एवं बाल कल्याण विभाग को जांच के आदेश दिए. अधिकारी अब नवजात के पिता की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, निलंबित अधीक्षक ने कहा है कि लड़की के माता-पिता को उसकी गर्भावस्था के बारे में पता नहीं था. इस घटना को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है. इससे पहले भी अलग-अलग जगहों से छात्रावासों में रह रहीं लड़कियों के गर्भवती होने की घटनाएं सामने आई हैं.