दुर्ग/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में आयुष्मान योजना में की जा रही गड़बड़ी के खुलासे के बाद कई मामले और उजागर हुए हैं। निजी अस्पतालों द्वारा डाक्टरों सहित अन्य चिकित्सकीय स्टाफ की जानकारी देने में भी जमकर धांधली कर रहे हैं। स्टेट नोडल एजेंसी द्वारा किए सर्जिकल स्ट्राइक में इस तरह के फर्जीवाड़ा भी सामने आया है। दुर्ग के एक 175 बेड के मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में छापे के दौरान तीन डॉक्टर मिले। ट्रांजेक्शन मैनेजमेंट सिस्टम पोर्टल में भर्ती मरीजों की संख्या 66 थी मगर बेड में केवल 17 पाए। ज्यादातर अस्पतालों में अतिरिक्त रकम लेने की शिकायतें थी।

आम लोगों को निशुल्क उपचार की सुविधा देकर शासन से भुगतान प्राप्त करने वाले 23 अस्पतालों की गड़बड़ी पकड़ी गई है। इन्हें एक साल से लेकर तीन माह तक योजना से निलंबित कर दंडित किया गया है। अस्पतालों के खिलाफ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बिंदुवार शिकायत मिली थी जिस पर जांच हुआ और गोलमाल उजागर हुआ। नियम के मुताबिक 15 बेड के पीछे एक डाक्टर होना अनिवार्य है मगर यहां ड्युटी में तीन डॉक्टर सौ बेड से अधिक क्षमता वाले अस्पताल संभाल रहे हैं।

डॉक्टरों की उपस्थिति दिखाने आईसीयू में बीएएमएस और बीएक्सएमस डाक्टरों को तैनात कर दिया। वहां मरीजों की देखभाल के लिए अप्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ को ड्युटी दे गई है। दुर्ग के हास्पिटल मे योजना के तहत आने वाले मरीजों से एडवांस पैसा जमा कराने की शिकायतें मिली। इसके अलावा उनसे दवाईयों के लिए पैसे वसूलने की शिकायत रही। विभिन्न सुविधा वाले इस अस्पताल में केवल डायलिसिस को ही फोकस किया गया। 175 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में केवल 3 एमबीबीएस ड्यूटी डॉक्टर मौजूद मिले और निर्धारित मानदंडों के मुकाबले डॉक्टरों, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या कम थी।

यहां भी मिली गड़बड़ी :
■ बिलासपुर के महादेव हॉस्पिटल में सामान्य मरीजों को आईसीयू में भर्ती किया गया। सौ बेड के इस अस्पताल में एकमात्र एमबीबीएस डाक्टर मिला। एसएनसीयू में कोई योग्य और प्रशिक्षित नर्स मौजूद नहीं थी।
■ भिलाई के स्पर्श मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल में ड्यूटी डॉक्टर और पंजीकृत मरीज नहीं थे। अतिरिक्त पैसे की डिमांड की शिकायत थी। अस्पताल के कर्मचारियों ने चैंबर में विजिटिंग टीम को रिश्वत की पेशकश की गई।
■ एसआर हॉस्पिटल दुर्ग 180 बिस्तरों के लिए सूचीबद्ध किया गया था, जांच के दौरान वहां भर्ती मरीज की देखभाल के लिए 10 कर्मचारी मिले। शिविर लगाकर जांच और कमर और जोड़ों के दर्द के लिए आयुष्मान से मरीज भर्ती।
■ बिलासपुर के श्रीकृष्णा हॉस्पिटल में पोर्टल में 24 मरीज पंजीकृत मगर अस्पताल में 13 भर्ती थे। ड्युटी के लिए एमबीबीएस डॉक्टर और योग्य नर्सिंग स्टाफ की कमी। एक्सरे, सीटी स्कैन, लैब जांच के लिए शुल्क ।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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