रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। राजधानी सहित विभिन्न क्षेत्रों में वकीलों की दबंगई और कानूनी पेशे के दुरुपयोग के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें एक युवक खुद को हाईकोर्ट का वकील बताते हुए आम नागरिकों से बदसलूकी करता नजर आ रहा है। वीडियो में वह न केवल गाली-गलौज कर रहा है, बल्कि धमकी देते हुए अपनी दबंगई भी दिखा रहा है। ऐसे मामलों के बढ़ते ग्राफ से आमजन में भय और आक्रोश व्याप्त है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि जब कानून के रखवाले ही कानून तोड़ने लगें, तो न्याय की उम्मीद कहां की जाए?
प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी होगी- ऐसे मामलों में प्रशासन को निष्क्रिय नहीं रहना चाहिए। कानून को हाथ में लेने वाले वकीलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि न्याय प्रणाली पर जनता का भरोसा कायम रहे। बार काउंसिल और न्यायिक संस्थाओं को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अधिवक्ता अपने कर्तव्यों से न भटकें। अगर कोई वकील दबंगई, दुर्व्यवहार या शोषण में लिप्त पाया जाता है, तो उसकी वकालत पर प्रतिबंध लगाना ही एकमात्र उचित समाधान होगा। अपराधियों को संरक्षण देने के बजाय, उन्हें कठोर दंड दिया जाना चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी कानून की मर्यादा न तोड़े।