रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने संपत्तियों के नामांतरण के लिए एक बड़ा बदलाव किया है। दरअसल अब तक नामांतरण और संपत्तियों के पंजीयन का अधिकार राज्य में हसीलदार के पास होता था। लेकिन अब यह अधिकार पंजीयन कार्यालय के सब रजिस्ट्रार और रजिस्ट्रार के द्वारा किया जाएगा। इन सब ने खास बात ये है कि जमीन जायदाद के कारोबार और पंजीयन प्रक्रिया के जानकार इसे संपत्ति क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम बता रहे हैं। अब जमीन का पंजीयन होने के बाद ही खरीददार के नाम नामांतरण होगा। और अब से भूमि स्वामियों को इस काम के लिए तहसीलदार या पटवारी का चक्कर नहीं लगाया पड़ेगा।
सरकार ने किया है ये बदलाव :
छग के भू-राजस्व संहिता के मुताबिक किसी भी बिक्री से प्राप्त भूमि अंतरण (ट्रांसफर) के सरलीकरण और खरीद के लिए जब भूमि स्वामी के द्वारा जिनका पंजीकृत विक्रय के आधार भूमि का भाग (खसरा या भू-खण्ड)या धारित भूमि में अंतरण किया जाता है, ऐसे भूमि के नामांतरण हेतु प्राप्त प्रकरणों पर, उक्त संहिता की धारा 110 के अधीन तहसीलदार को मिले प्रकरणों पर,उक्त संहिता की धारा 110 के अधीन तहसीलदार को प्राप्त नामांतरण की शक्तियां, जिले में पदस्थ रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार जो अपने क्षेत्राधिकार में पंजीकृत विक्रय पत्र के निष्पादन हेतु अधिकृत है, को प्रदान करती है।
तैयार हो रहा है पोर्टल :
रजिस्ट्रार-सब रजिस्ट्रार को नामांतरण का अधिकार दिए जाने के अलावा इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए भी बदलाव होगा। सूत्रों के अनुसार ऑनलाइन इस काम को करने के लिए पोर्टल तैयार किए जाएंगे। जिसके माध्यम से रजिस्ट्री के तुरंत बाद ही नामांतरण भी होगा। जिससे संपत्ति का फर्जी नामांतरण प्रक्रिया पूरी तरह से बंद हो जाएगी।
संपत्ति खरीदने वालों को नहीं होगी परेशानी :
वहीं अगर कोई व्यक्ति संपत्ति खरीदता है तो उसका पंजीयन रजिस्ट्री दफ्तर हो जाता है।यहां तक की प्रक्रिया आसान है। लेकिन संपत्ति खरीदने वाला पंजीयन के बाद भी उस संपत्ति का मालिक नहीं बनता है। जिसके लिए राज्य सरकार के इस फैसले के बाद इस पर व्यापक असर होगा। दरअसल, राज्य में दशकों से यह व्यवस्था बनी हुई थी कि अगर कोई व्यक्ति मकान, जमीन, या किसी अन्य संपत्ति खरीदी करता है तो पंजीयन कार्यालय में उसका पंजीयन किया जाता है। यहां तक की पूरी प्रक्रिया आसान होती है। लेकिन संपत्ति खरीदने वाला पंजीयन के बाद भी तब तक मालिक नहीं बनता है, जब तक संपत्ति का प्रमाणी करण या नामांतरण उसके नाम पर न हुआ हो। लेकिन अब नई व्यवस्था लागू की गई है।
पटवारी-तहसीलदार मिलेगा छुटकारा :
जिसके मुताबिक अब मालिक बनने में संपत्ति खरीदने वालों को देर नहीं होगी। दरअसल पंजीयन होने के बाद ही अब से रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार के द्वारा ही नामांतरण किया जाएगा। इसका अधिकारिक आदेश सरकार ने जारी कर दिया है। जिससे अब किसी भी संपत्ति खरीदने वालों को अपने क्षेत्र के पटवारी या तहसीलदार के पास संपत्ति के पंजीकृत दस्तावेज लेकर जाना नहीं पाएगा। इसके अलावा ऐसी कई अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा।