मोहला। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के मोहला मानपुर अंबागढ़ चौकी जिले में थानेदार रविशंकर डहरिया और प्रधान आरक्षक को निलंबित किया गया है। उस भ्रष्ट थानेदार का कच्चा चकट्ठा अब खुलने लगा है। लेकिन हैरान करने वाली बात तो यह है कि, अब पुलिस प्रशासन थानेदार को बचाने के लिए पत्रकारों पर दबाव डालने में लग गया है। इस बीच एक और बड़ा मामला सामने आया है। इसी थानेदार के एक घूस के प्रकरण में एसीबी की टीम उसे रंगेहाथ पकड़ने पहुंची थी। लेकिन ऐन वक्त पर उसे सूचना मिल गई और वह थाने से भाग निकला था।

मिली जानकारी के मुताबिक, चिल्हाटी थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया और स्टाफ ने 20 अप्रैल को बैल खरीददार महाराष्ट्र के एक फौजी परिवार और बैल मालिक गरीब किसान, सहित पांच लोगों को झूठे आरोप में गिरफ्तार किया गया था। कथित ज्यादती और 1 लाख रुपए से ऊपर रिश्वत लेने के मामले में राजेश्वर बोगा के खिलाफ आईजी अभिषेक शांडिल्य ने एसपी वाईपी सिंह के एक्शन के साथ निलंबन कि कार्रवाई की थी। इस मामले में विभागीय जांच एक कदम आगे बढ़ा ही था, कि दूसरे मामले में बेहद चौंकाने वाली खबर सामने आ रही है।

चिल्हाटी थाना क्षेत्र के भीतर सामूहिक रूप से फंसे लोगों का एफआईआर से नाम हटाने के लिए पांच लाख रुपए रिश्वत मांगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार थानेदार रविशंकर डहरिया को रंगें हाथों पकड़ते हुए हिरासत मे लेने के लिए रायपुर एसीबी की टीम चिल्हाटी गांव मे दाखिल हुई थी। लेकिन थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया को छापे की भनक लग गई। इसके बाद वे थाने से गायब हो गए, जिसके कारण एसीबी की रेड विफल हो गई।

पत्रकारों को नोटिस भेजकर डरा रहा पुलिस प्रशासन :
इधर बैल परिवहन के प्रकरण में रिश्वत लेने और रात भर थाने मे कैद करके रखने के मामले को उजागर करने वाले स्थानिक पत्रकारों को पुलिस विभाग का नोटिस तामील हुआ है। जिसमें लिखा गया है कि, आपने चिल्हाटी पुलिस पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया है। इस संबंध में आप थाने में आए और अपना कथन दर्ज कराए, ताकि त्वरित रूप से अपराधी के उपर कार्रवाई की जा सके।

जानें क्या था एसीबी की रेड का मामला :
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 20 अक्टूबर को चिल्हाटी गांव में एक युवक की एक्सीडेंट में मौत होने के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने शव लेकर घंटो अंबागढ़ चौकी चिल्हाटी महाराष्ट्र मुख्य मार्ग पर चक्का जाम कर दिया था। इस प्रकरण में बताया गया कि लगभग 11 लोगों के खिलाफ अपराध पंजीबद्ध हुआ है। आरोप है कि संबंधितों का एफआईआर से नाम हटाने के एवज मे थाना प्रभारी रवि शंकर डहरिया 5 लाख रुपए का डिमांड रखे हुए थे। जिसका प्रकरण में फंसे लोगों ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर से शिकायत की। इस मामले पर शिकायत को संज्ञान में लेते हुए तय जाल बिछाकर टीम, थाना प्रभारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ने चिल्हाटी में दाखिल हुई। परंतु एसीबी की छापें की भनक थाना प्रभारी रविशंकर डहरिया को हो गई और वे देर रात तक थाने से नदारत हो गए। जिसके कारण एसीबी की कार्यवाई विफल हो गई। वहीं बैल खरीददार महाराष्ट्र के फौजी परिवार और बैल मालिक गरीब किसान सहित पांच लोगों के साथ थाने मे हुए कथित ज्यादती और एक लाख से ऊपर के रिश्वत लेने के मामले में जांच कर रही डीएसपी नेहा पवार ने कहा कि, उन्हें ACB की कार्रवाई के बारे में काई जानकारी नहीं है।

विधायक ने लगाया बड़ा आरोप :
मोहला मानपुर के विधायक इंद्र शाह मंडावी ने पत्रकारों से कहा कि, चिल्हाटी रिश्वत कांड में फंसे थाना प्रभारी की जांच जिले से बाहर आईजी की टीम से होनी चाहिए। वर्दी के पीछे छुपे भ्रष्ट साया को बचाने के लिए कहीं ना कहीं स्थानीय अफसर उसे लाभ पहुंचाने की कोशिश में लगे हुए है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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