मुंगेली, कुणाल सिंह ठाकुर। कड़ाके की ठंड के बीच मुंगेली की सियासत का पारा लगातार चढ़ा हुआ है। शहर के चौक-चौराहों और चाय ठेलों पर चल रही राजनीतिक चर्चाओं ने साफ कर दिया है कि जिले की राजनीतिक फिजा पूरी तरह गरम हो चुकी है। सबसे ज्यादा हलचल भाजपा के अंदर देखने को मिल रही है, जहां अंदरूनी खींचतान की चर्चाएं आम हो गई हैं। राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि वर्तमान में मुंगेली जिले में भाजपा के तीन प्रभावशाली और निर्वाचित चेहरे हैं—केंद्रीय मंत्री तोखन साहू, उपमुख्यमंत्री अरुण साव और पूर्व मंत्री व मौजूदा विधायक पुन्नूलाल मोहले। ऐसे में कार्यों, प्रभाव और समर्थकों को लेकर आपसी प्रतिस्पर्धा होना राजनीति की स्वाभाविक प्रक्रिया मानी जा रही है। स्थानीय राजनीतिक जानकारों का मानना है कि मुंगेली विधानसभा और शहर क्षेत्र में पूर्व मंत्री व विधायक पुन्नूलाल मोहले का प्रभाव सबसे मजबूत माना जाता है। पार्टी से जुड़े मामलों से लेकर राजनीतिक और प्रशासनिक विषयों तक, उनकी भूमिका और सिफारिशों को खास अहमियत दी जाती है। यहां तक कि संगठन का शीर्ष नेतृत्व भी स्थानीय विधायक की बातों को आसानी से नजरअंदाज नहीं करता।जिले में लंबे समय से यह चर्चा रही है कि विधायक पुन्नूलाल मोहले के करीबी और विश्वासपात्र होने के कारण ही दीनानाथ केशरवानी को भाजपा जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई। बताया जाता है कि दीनानाथ केशरवानी शुरू से ही मोहले के समर्थक और प्रशंसक रहे हैं, जिसका लाभ उन्हें संगठनात्मक पद के रूप में मिला। हालांकि, जिलाध्यक्ष बनते ही उनके कामकाज के तरीके को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है।जिले में यह चर्चा जोरों पर है कि जिलाध्यक्ष बनने के बाद दीनानाथ केशरवानी पर मनमानी करने के आरोप लग रहे हैं। खासकर उपमुख्यमंत्री अरुण साव के स्थानीय समर्थकों की कथित उपेक्षा को लेकर असंतोष खुलकर सामने आने लगा है। कई कार्यक्रमों में साव समर्थकों को नजरअंदाज किए जाने की बातें कही जा रही हैं, जिससे उनमें नाराजगी गहराती जा रही है। नाम न छापने की शर्त पर एक भाजपा नेता ने बताया कि पार्टी में बड़े पद पर होने के बावजूद, सिर्फ अरुण साव का समर्थक होने के कारण उनका नाम बैनर-पोस्टर से हटा दिया गया। इस तरह की घटनाओं ने संगठन के भीतर बेचैनी बढ़ा दी है। कुल मिलाकर, मुंगेली भाजपा में चल रही अंदरूनी उथल-पुथल अब किसी से छिपी नहीं रह गई है। वही मुंगेली जिलाध्यक्ष दीनानाथ केसरवानी से जानकारी लेने कॉल कर बात करने की कोशिश किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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