गरियाबंद। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में महतारी वंदन योजना को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। जिले के राजिम, फिंगेश्वर और देवभोग-मैनपुर इलाकों में सौ से ज्यादा महिलाएं ऐसी हैं जिन्हें सिर्फ इसलिए योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा क्योंकि उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है।

सबसे चौंकाने वाला मामला पंडरीपानी गांव का है। यहां एक शख्स तुलेश साहू ने परियोजना अधिकारी को चिट्ठी लिखकर मांग की है कि उनकी दूसरी पत्नी को भी योजना के तहत ₹1000 की मदद दी जाए, जबकि पहली पत्नी को पहले से ही यह लाभ मिल रहा है। महिला एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि हिंदू कानून के अनुसार एक पुरुष की केवल एक पत्नी कानूनी रूप से मान्य होती है। इसलिए दूसरी पत्नी को योजना का लाभ नहीं मिल सकता। लेकिन समस्या यह भी है कि कई वैध पत्नियों का आवेदन भी सिर्फ इसलिए खारिज कर दिया गया क्योंकि उनके पति ने दूसरी शादी की है।

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर दूसरी शादी गैरकानूनी है, तो उस पर कार्रवाई क्यों नहीं होती? और अगर कोई महिला वैध पत्नी है, तो उसे योजना से बाहर क्यों किया जा रहा है? योजना का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक सहायता देना है, लेकिन इस तरह की स्थितियों में महिलाओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है। कुछ महिलाओं ने दोबारा आवेदन भी दिया, मगर उन्हें फिर से निराशा हाथ लगी।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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