रायगढ़। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश के रायगढ़ जिले से इस वक्त की बड़ी खबर सामने आए रही है, तमनार के मुडागांव जंगल कटाई रोकने पहुंची लैलूंगा विधायक विद्यावती सिदार को पुलिस ने गिरफ्तार किया है, साथ ही पूर्व मंत्री सत्यानंद राठिया समेत 100 नेता हिरासत में है।

बता दें कि तमनार तहसील के ग्राम पंचायत सराईटोला के आश्रित ग्राम मुडागांव में अदानी समूह द्वारा जंगल कटाई शुरू होने की खबर ने स्थानीय स्तर पर हलचल मचा दी है। इस घटनाक्रम की खास बात यह है कि यह कटाई उस समय शुरू हुई, जब एक दिन पहले ही छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तमनार में “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया था।

इस विरोधाभास ने स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों में रोष पैदा कर दिया है। मिलीं जानकारी के अनुसार, मुडागांव में अदानी समूह की एक परियोजना के लिए जंगल की कटाई शुरू की गई है। इस कार्य के लिए सैकड़ों पुलिस बल की तैनाती की गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यह कटाई बड़े पैमाने पर हो रही है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि इस क्षेत्र में घने जंगल और जैव-विविधता से भरपूर वन क्षेत्र हैं, जो न केवल पर्यावरणीय संतुलन के लिए महत्वपूर्ण हैं, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका का भी आधार हैं।

कटाई की खबर के बाद ग्रामीणों में असंतोष बढ़ रहा है। कई लोगों ने इसे पर्यावरण के साथ-साथ उनकी संस्कृति और आजीविका पर हमला बताया है। ग्रामीणों का आरोप है कि कटाई के लिए उनकी सहमति नहीं ली गई और न ही इसकी पर्याप्त जानकारी दी गई। पर्यावरणविदों का कहना है कि रायगढ़ का यह क्षेत्र जैव-विविधता के लिए महत्वपूर्ण है। यहाँ के जंगल न केवल कार्बन अवशोषण में मदद करते हैं, बल्कि कई दुर्लभ प्रजातियों का भी निवास स्थान हैं। जंगल कटाई से न केवल पर्यावरण को नुकसान होगा, बल्कि स्थानीय आदिवासी समुदायों की आजीविका पर भी विपरीत प्रभाव पड़ेगा।

एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा, “जंगल हमारी माँ हैं। इन्हें काटने का मतलब है हमारी जड़ों को काटना। सरकार और कंपनियाँ हमें बिना बताए हमारी जमीन और संसाधनों पर कब्जा कर रही हैं। स्थानीय लोग और पर्यावरण कार्यकर्ता इस कटाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे हैं। कुछ संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर कानूनी कार्रवाई की बात भी कही है। दूसरी ओर, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि अदानी समूह और छत्तीसगढ़ सरकार इस विवाद को कैसे संभालते हैं। क्या सरकार इस कटाई को रोकने के लिए कोई कदम उठाएगी, या यह परियोजना निर्बाध रूप से जारी रहेगी?

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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