
लोरमी, कुणाल सिंह ठाकुर। कहते हैं अगर हौसले मजबूत हों तो हालात रास्ता नहीं रोक सकते। इस कहावत को सच कर दिखाया है ग्राम परदेशीकापा निवासी विक्रम टंडन ने, जिन्होंने गरीबी और संघर्ष के बावजूद देश सेवा का सपना पूरा कर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जवान बनकर अपने परिवार और गांव का नाम रोशन किया है।बीएसएफ जवान विक्रम टंडन ने 44 दिन की कड़ी प्रशिक्षण अवधि पूरी करने के बाद जब पहली बार अपने गृहग्राम पहुंचे, तो पूरे क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई। खैरवार खुर्द में गांववासियों एवं परिवारजनों द्वारा उनका भव्य और ऐतिहासिक स्वागत किया गया। ढोल-नगाड़ों, फूल-मालाओं और जयघोष के साथ बीएसएफ जवान का अभिनंदन किया गया।इस अवसर पर खैरवार खुर्द से परदेशीकापा तक बीएसएफ जवान विक्रम टंडन के सम्मान में पैदल रैली निकाली गई। रैली में बड़ी संख्या में ग्रामीण, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं शामिल रहीं। देशभक्ति नारों और तिरंगे के साथ पूरे गांव का माहौल देश सेवा के जज्बे से सराबोर नजर आया।घर पहुंचने पर बीएसएफ जवान विक्रम टंडन ने अपने बीएसएफ बनने का श्रेय अपने माता-पिता और समस्त ग्रामवासियों को दिया। उन्होंने कहा कि माता-श्रीमति शकुन टणडन,पिता-हरिचंन्द टण्डन,के त्याग, आशीर्वाद और गांव के सहयोग के बिना यह सफलता संभव नहीं थी। उन्होंने कहा कि गरीबी कभी भी सपनों के आड़े नहीं आनी चाहिए, बस लक्ष्य स्पष्ट और मेहनत सच्ची होनी चाहिए।बीएसएफ जवान ने गांव के युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि निरंतर मेहनत, लगन और अनुशासन से कोई भी मुकाम हासिल किया जा सकता है। उन्होंने युवाओं से नशे और गलत संगत से दूर रहकर शिक्षा, खेल और देश सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की अपील की।विक्रम टंडन मूल रूप से ग्राम परदेशीकापा के अपन निवासी हैं और ब्लॉक लोरमी, जिला मुंगेली के रहने वाले हैं। उनके बीएसएफ में चयन से पूरे क्षेत्र में गर्व और उत्साह का माहौल है। गांववासियों का कहना है कि विक्रम टंडन आज क्षेत्र के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन गए हैं।कार्यक्रम के अंत में ग्रामीणों ने बीएसएफ जवान के उज्ज्वल भविष्य की कामना की और देश सेवा में हमेशा आगे रहने का आशीर्वाद दिया।

