रायपुर, कुणाल सिंह ठाकुर। बस्तर जिले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशा निर्देशों के अनुसार निरंतर किसानों से धान का उपार्जन किया जा रहा है साथ ही अवैध धान के विक्रय पर भी प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया जा रहा है। जिसका असर आज देखने को मिला जहां कलेक्टर हरिस एस के निर्देश पर अवैध धान परिवहन के खिलाफ चल  रहे अभियान के तहत बकावंड विकासखण्ड  के अनुविभागीय दंडाधिकारी मनीष वर्मा ने बड़ी कार्रवाई की। सोमवार को धान उपार्जन केंद्र करपावंड के औचक निरीक्षण के दौरान प्रशासन ने व्यापारी और किसान की मिलीभगत से चल रहे एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश किया, जिसमें किसान के टोकन पर व्यापारी का धान खपाने का प्रयास किया जा रहा था। मामले की जांच में यह खुलासा हुआ कि जिस टोकन पर धान बेचा जा रहा था, वह कृषक उपेन्द्र भारती पिता अर्जुन भारती के नाम पर था। जमीनी हकीकत यह थी कि कृषक उपेन्द्र भारती आजीविका के सिलसिले में हैदराबाद में निवासरत हैं और उनकी जमीन पर खेती उनके भाई लखीधर भारती द्वारा की जा रही थी। लखीधर ने अपनी उपज के लिए 182 क्विंटल का टोकन कटवाया था, लेकिन खेत में वास्तविक उत्पादन केवल 100 क्विंटल ही हुआ। टोकन में बचे 80 क्विंटल के अंतर का गलत फायदा उठाने के लिए व्यापारी राजेश गुप्ता ने साजिश रची। व्यापारी ने मंडी करपावंड से ही धान अपने दो वाहन क्रमांक सीजी 17 केवाय 7204 और सीजी 17 केजे 9389 में लोड करवाया और ड्राइवरों के हाथ में उपेन्द्र भारती के टोकन की फोटोकॉपी थमाकर उन्हें उपार्जन केंद्र भेज दिया।मौके पर पहुंची प्रशासन की टीम ने जब कड़ाई से पूछताछ की, तो ड्राइवर और किसान के भाई ने पूरा सच स्वीकार कर लिया। उनकी स्वीकारोक्ति के बाद एसडीएम ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अवैध धान से भरे दोनों वाहनों को जब्त कर लिया है और उन्हें आगामी कार्यवाही हेतु थाना करपावंड के सुपुर्द कर दिया गया है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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