मुंबई/रायपुर। डेस्क। लिवइन में रेप और प्रेगनेंसी के दौरान पीड़िता को छोड़ने के मामले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने आरोपी को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। हाईकोर्ट ने आरोपी के साथ शर्त रखा है कि यदि एक साल में पीड़िता मिल जाती है तो उसे उसके साथ शादी करनी होगी। फिलहाल पीड़िता करीब एक साल से लापता है। अदालत के आदेश पर आरोपी ने शर्तों पर सहमति देते हुए बच्चे के पालन पोषण की जिम्मेदारी उठाने का भी शपथ पत्र दिया है। पीड़िता ने फरवरी 2022 में यह मामला दर्ज कराया था।

लोवर कोर्ट में आरोपी की जमानत याचिका खारिज होने के बाद उसने बॉम्बे हाईकोर्ट में अपील की थी। मामले की सुनवाई जस्टिस भारती डांगरे की सिंगल बेंच में हुई। अदालत ने कहा कि आरोपी ने स्वीकार किया है वह 22 वर्षीय पीड़िता के साथ वर्ष 2018 से लिवइन में था और आपसी सहमति से एक साथ रहते थे। इस दौरान इसी बीच पीड़िता प्रेगनेंट हो गई। आरोप है कि प्रेगनेंसी की खबर के बाद आरोपी ने उसे छोड़ दिया। इसके बाद पीड़िता ने आरोपी के खिलाफ फरवरी 2020 में मुंबई पुलिस में रेप का केस दर्ज करा दिया था। वहीं पुलिस ने भी उसी समय आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

परिजनों को थी रिलेशन की जानकारी :
पीड़िता ने पुलिस को दिए शिकायत में बताया था कि दो साल के उसके रिलेशनशिप की पूरी जानकारी दोनों के परिजनों को थी, उन्हें कोई आपत्ति भी नहीं थी। बावजूद इसके जब वह प्रेगनेंट हुई तो आरोपी ने उससे किनारा करना शुरू कर दिया और आखिर में उसने शादी से इंकार कर दिया था। पीड़िता ने बताया था कि उसने रिश्ते को बचाने के लिए काफी प्रयास किया, लेकिन जब सफल नहीं हुई तो पुलिस में आरोपी के खिलाफ रेप और धोखाधड़ी का केस दर्ज करा दिया था।

घर के बाहर फेंक दिया था बच्चा :
पुलिस ने कोर्ट में दाखिल केस डायरी में बताया कि 27 जनवरी 2020 को पीड़िता ने एक बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन तीन दिन बाद ही उसने इस बच्चे को घर के बाहर लावारिश छोड़ दिया। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने बच्चे को कब्जे में लेकर शेल्टर भेजा और पीड़िता के खिलाफ इस संबंध में केस दर्ज किया था। पुलिस ने बताया कि उसके बाद से ही पीड़िता लापता है। उधर, शेल्टर होम से उसके बच्चे को पहले ही किसी को गोंद दे दिया गया है।

एक साल बाद नहीं रहेगी बाध्यता :
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ किया है कि आरोपी केवल एक साल के लिए ही इस आदेश के प्रति बाध्य होगा। यदि एक साल के अंदर पीड़िता की खबर नहीं मिलती तो वह इस बाध्यता से मुक्त हो जाएगा। लेकिन यदि इस अवधि में पीड़िता मिल जाती है तो आरोपी को उससे शादी करनी होगी। इस आदेश के साथ अदालत ने आरोपी को जेल से रिहा करने के आदेश दिए हैं।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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