इंटरनेशनल। डेस्क। पाकिस्तान ने इस साल मार्च में उसकी ज़मीन पर गिरे भारतीय मिसाइल ब्रह्मोस के मामले पर एक बार फिर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। लेकिन इस बार मामला एक मीडिया रिपोर्ट से जुड़ा हुआ है जिसमें कहा गया है कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने इस घटना को चिंता का विषय नहीं बताया है। भारत के अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस ने पिछले दिनों आईएईए के महानिदेशक का इंटरव्यू छापा था। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईएईए के महानिदेशक ने कहा है कि पाकिस्तान की ज़मीन पर गिरे ब्रह्मोस मिसाइल का मामला किसी चिंता की वजह नहीं।
आईएईए के महानिदेशक राफ़ेल मारियानो ग्रोसी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इस घटना को किसी रिस्क के रूप में नहीं देखा गया और इस मामले पर भारत सरकार से कोई विचार-विमर्श नहीं किया गया। इस साल 9 मार्च को पाकिस्तान के खानेवाल ज़िले के मियां चन्नू क़स्बे में एक अप्रत्याशित घटना घटी थी जिसमें एक बहुत ही तेज़ रफ़्तार से उड़ती हुई चीज़ स्थानीय रिहायशी इलाक़े के ऊपर आ गिरी।
पाकिस्तान सेना के जनसंपर्क विभाग (आईएसपीआर) के महानिदेशक मेजर बाबर इफ़्तिख़ार ने 10 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “मियां चन्नू में जो तेज़ गति से उड़ती हुई चीज़ गिरी वह शायद एक भारतीय मिसाइल थी।” अगले दिन, 11 मार्च को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में स्वीकार किया कि “नियमित रखरखाव के दौरान तकनीकी ख़राबी के कारण मिसाइल ग़लती से फ़ायर हो गया था।” और भारत के रक्षा मंत्रालय ने उच्च स्तरीय जांच का आदेश भी दे दिया है। इस साल अगस्त में रक्षा मंत्रालय ने जो जाँच के आदेश दिए थे, उसकी रिपोर्ट आई और इस मामले में भारतीय वायु सेना के तीन अधिकारियों को बर्ख़ास्त कर दिया गया।
पाकिस्तान की कड़ी प्रतिक्रिया :
अब पाकिस्तान ने मीडिया में आईएईए के हवाले से छपी रिपोर्ट पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ये रिपोर्ट भारत सरकार की ओर से प्रायोजित मीडिया की ओर से परमाणु मुद्दे पर भारत के ग़ैर ज़िम्मेदार व्यवहार से बचाने की कोशिश है। विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा- रिपोर्ट के उपलब्ध ट्रांसक्रिप्ट से ये पता चलता है कि जब आईएईए के डीजी से ये पूछा गया कि क्या उन्होंने इस घटना पर भारत सरकार से कोई सूचना मांगी है, तो उन्होंने ‘ना’ कहा। लेकिन उन्हें ये कहना चाहिए था कि ऐसे मामले में आईएईए के पास कोई अधिकार नहीं है।
पाकिस्तान का कहना है कि आईएईए के डीजी के बयान का जान-बूझ कर ग़लत अर्थ नहीं लगाया जा सकता और न ही उस घटना का महत्व कम करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि परमाणु सक्षम ब्रह्मोस मिसाइल को छोड़ने का क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है कि ब्रह्मोस मिसाइल वाली घटना के बाद एक परमाणु संपन्न देश भारत के आचरण पर कई सवाल उठे हैं। इन सवालों में एक सवाल ये भी है कि क्या वाक़ई ये ग़लती से हुआ था। बयान में कहा गया है- भारत को इसके पीछे के इरादों, मिसाइल सिस्टम की तकनीकी विशेषताओं और विश्वसनीयता, सुरक्षा, परमाणु कमांड और कंट्रोल प्रोटोकॉल और भारतीय सेना में मौजूद बेलगाम तत्वों पर भी जवाब देने की आवश्यकता है।
पाकिस्तान का ये भी कहना है कि भारत को परमाणु और रेडियोधर्मी सामग्रियों की चोरी और अवैध तस्करी की कई घटनाओं पर भी जानकारी देने की ज़रूरत है और ये आईएईए के दायरे में भी आता है। बयान में कहा गया है कि भारत को परमाणु सुरक्षा से जुड़ी ऐसी घटनाओं को आईएईए को रिपोर्ट करनी चाहिए।
अंत में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि कई अहम सवाल अब भी अनुत्तरित हैं और ये अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।