रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। देश और विदेश में चर्चित छतरपुर स्थित बागेश्‍वर धाम के पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ‘चमत्‍कार’ के कथित दावों को लेकर सुर्खियों में हैं। उन्‍होंने कुछ दिनों पहले नागपुर में दिव्‍य दरबार का आयोजन किया था। एक संस्‍था ने उन्‍हें चुनौती दी थी। दावा है कि धीरेंद्र शास्‍त्री ने पूर्व निर्धारित समय से पहले ही दिव्‍य दरबार को समाप्‍त कर वापस लौट गए। हालांकि, पंडित धीरेंद्र शास्‍त्री का कहना है कि उनका कार्यक्रम पूर्व निर्धारित समय पर ही समाप्‍त हुआ। अब सवाल उठता है कि क्‍या धीरेंद्र शास्‍त्री सिद्ध बाबा हैं या फिर चमत्‍कार दिखाने वाले जादूगर? सवाल उठा है कि क्‍या बागेश्‍वर धाम के पीठाधीश्‍वर मुसलमानों-ईसाइयों की भी मदद करते हैं?

मीडिया को दिए गए इंटरव्‍यू में पंडित धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने कई बातों पर बेबाक राय रखी। जब उनसे पूछा गया कि क्‍या वह सिर्फ सनातन धर्म को मानने वाले की ही मदद करते हैं या इस्‍लाम या ईसाई या फिर अन्‍य धर्म को मानने वालों की भी मदद करते हैं? इस पर बागेश्‍वर धाम के पीठाधीश्‍वर ने कहा कि उनसे बड़ी तादाद में मुसलमान जुड़े हैं और बहुत से ईसाई धर्म को मानने वाले भी आते हैं। अन्‍य पंथों के लोग हजारों की तदाद में आते हैं। धीरेंद्र शास्‍त्री ने साफ शब्‍दों में कहा कि वह बाबा नहीं हैं। उन्‍होंने कहा कि वह बाबा नहीं, बल्कि वह धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री हैं। उन्‍होंने बताय वह 10 साल की उम्र से ही लगातार तपस्‍या और हवन करते आ रहे हैं। धीरेंद्र शास्‍त्री ने बताया कि वह तीसरी पीढ़ी के हैं और बागेश्‍वर धाम की सेवा कर रहे हैं।

बागेश्‍वर धाम के धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने बताया कि वह कोई जादूगर नहीं हैं कि डमरू बजाया और चमत्‍कार हो जाए। उन्‍होंने कहा कि वह लोगों की अर्जी को अपने इष्‍ट तक पहुंचाते हैं और इष्‍ट की चेतना उनके तरंग को लोगों तक पहुंचाते हैं। उन्‍होंने कहा कि न तो वह कोई संत हैं न स्वामी है और न ही कोई मठाधीश। वह बागेश्‍वर धाम के चरणों के सेवक हैं।

आपको बता दें कि धीरेंद्र कृष्‍ण स्‍वामी पर कई लोगों ने यह कहते हुए तंज कसा है कि चमत्‍कार दिखाना तो जादूगर का काम होता है। वहीं, कई लोगों ने ढोंग को प्रमोट करने का आरोप लगाते हुए उन पर केस दर्ज करने की भी मांग की है। धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं। धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने साथ ही कहा कि वह न तो भगवान हैं और न ही अंतर्यामी। उन्‍होंने बताया कि वह लोगों की अर्जी अपने इष्‍ट तक पहुंचाते हैं और अपने इष्‍ट की चेतना-तरंगों को लोगों तक पहुंचाते हैं। बता दें कि धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री अपने चमत्‍कार के दावों को लेकर लगातार विवादों में हैं। हालांकि, वह कहते हैं कि वह कोई जादूगर नहीं हैं कि कोई कहे कि चमत्‍कार दिखाओ तो डमरूं बजाएं और चमत्‍कार हो जाए।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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