नई दिल्ली/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। नए साल में ट्रेन के मेन्यु में बदलाव कर दिया गया है। रेलयात्रियों को अब क्षेत्रीय व्यंजन लिट्टी-चोखा सहित इडली-सांबर परोसा जाएगा। वहीं, जैन समाज के लिए शुद्ध शाकाहारी और मधुमेह रोगियों को उबली सब्जियां-ओट्स परोसे जाएंगे। अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष-2023 के मद्देनजर रेलवे ने रेलगाड़ियों के मेन्यु में मोटा अनाज के आठ व्यंजनों को भी शामिल किया है। इस बदलाव में छोटे बच्चों के लिए बेबी फूड का विशेष इंतजाम किया गया है।

रेलवे बोर्ड के 12 जनवरी के आदेश के तहत सभी राजधानी, शताब्दी, दुरंतो और वंदे भारत ट्रेनों के मेन्यु में 26 जनवरी से बदलाव लागू कर दिया जाएगा। रेलवे ने 2019 के बाद ट्रेनों की कैटरिंग मेन्यु में बदलाव किया है। बोर्ड अधिकारियों ने बताया कि रेल यात्रियों को अब उनके क्षेत्रीय-लोकप्रिय व्यंजन के तड़के के साथ भोजना परोसा जाएगा।

ये क्षेत्रीय व्यंजन परोसे जाएंगे :
तीज-त्योहार और मौसम के अनुसार भी यात्रियों को भोजन परोसा जाएगा। क्षेत्रीय व्यंजनों में यात्रियों को लिट्टी-चोखा, इडली-सांबर, डोसा, बड़ा पाव, पाव भाजी, भेलपुरी, खिचड़ी, झालमूड़ी, वेज-नॉनवेज मोमोज, स्प्रिंग रोल आदि। वहीं, जैन समाज के यात्रियों को लहसुन-प्याज के बगैर पका हुआ खाना दिया जाएगा।

मधुमेह यात्रियों के लिए यह है मेन्यू :
मधुमेह यात्री उबली सब्जियां, दूध के साथ ओट्स, दूध के साथ कार्न फ्लेक, सफेद हिस्से का ऑमलेट आदि मिलेगा। इसके अलावा शुगर फ्री चाय-कॉफी का प्रबंध होगा। रेलवे ने मोटा अनाज के मेन्यु में रागी लड्डू, रागी कचौड़ी, रागी इडली, रागी डोसा, रागी परांठा, रागी उपमा आदि को शामिल किया है।

ट्रे का रंग बताएगा वेज है या नॉनवेज :
नए मेन्यु में वेज और नॉजवेज की खाने की ट्रे का रंग अलग-अलग होगा। ट्रे पर खाने के साथ ही मूल्य सूची होगी। इससे वेंडर यात्री से तय कीमत से अधिक दाम नहीं वसूल सकेंगे। प्रत्येक डिब्बाबंद खाने में दिन, तारीख, समय और ठेकेदार के नाम का उल्लेख होगा। इसके अलावा शिकायत के लिए टोल फ्री नंबर भी अंकित होगा।

मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में डिब्बाबंद भोजन :
मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों में ब्रांडेड और डिब्बाबंद भोजन बेचने की अनुमति होगी। यह उन यात्रियों के लिए सुविधाजनक होगा, जिन्होंने टिकट बुक करते समय कैटरिंग सेवा नहीं लिया होगा। मालूम हो कि प्रीमियम ट्रेनों में कैटरिंग लेना वैकल्पिक है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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