मुंबई/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ नाम और चुनाव चिह्न ‘तीर-कमान’ चुनाव आयोग की तरफ से दे दिया गया है। इसको लेकर उद्धव ठाकरे गुट हमलवार है और चुनाव आयोग के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कह कह रही है। हालांकि उद्धव ठाकरे की इस चोट पर मरहम लगाने के बजाए एनसीपी चीफ शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से चुनाव आयोग के फैसले को स्वीकार करने और नया चुनाव चिह्न लेने को कहा है। शदर पवार ने कहा, “यह चुनाव आयोग का फैसला है। एक बार फैसला हो जाने के बाद कोई चर्चा नहीं हो सकती। इसे स्वीकार करें और नया चुनाव चिह्न लें। इसका (पुराने चुनाव चिह्न के चले जाने का) कोई बड़ा असर नहीं होने वाला है, क्योंकि लोग इसे स्वीकार करेंगे।” (नया चिन्ह) यह अगले 15-30 दिनों तक चर्चा में रहेगा, बस इतना ही। शदर पवार ने कांग्रेस को अपने सिंबल को दो बैलों से हाथ में जूए के साथ बदलने की याद दिलाई और कहा कि लोग उद्धव ठाकरे गुट के नए सिंबल को उसी तरह स्वीकार करेंगे, जैसे उन्होंने कांग्रेस के नए सिंबल को स्वीकार किया था।

नए चुनाव चिन्ह को स्वीकार करें उद्धव ठाकरे :
शरद पवार ने कहा कि, “मुझे याद है कि इंदिरा गांधी को भी इस स्थिति का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के पास ‘जुए के साथ दो बैल’ का प्रतीक हुआ करता था। बाद में उन्होंने इसे खो दिया और ‘हाथ’ को एक नए प्रतीक के रूप में अपनाया और लोगों ने इसे स्वीकार कर लिया। इसी तरह, लोग उद्धव ठाकरे गुट के नए प्रतीक को स्वीकार करेंगे।

बता दें कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट को एक बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बीते शुक्रवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को पार्टी का नाम ‘शिवसेना’ और चुनाव चिह्न ‘धनुष और तीर’ आवंटित किया, जहां शिंदे गुट ने असली शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले का स्वागत किया तो, वहीं उद्धव ठाकरे गुट ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे।

शिंदे गुट ने जमकर मनाया जश्न :
इससे पहले एकनाथ शिंदे गुट ने चुनाव आयोग के आदेश के बाद नासिक में पटाखे फोड़े और जश्न मनाया। उद्धव ठाकरे के धड़े ने चुनाव आयोग पर जल्दबाजी का आरोप लगाया और कहा कि यह फैसला दिखाता है कि ‘यह बीजेपी एजेंट के रूप में काम करता है।’ आयोग ने अपने आदेश में पाया कि शिवसेना पार्टी का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है और बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए विकृत किया गया है। इसमें कहा गया है कि इस तरह की पार्टी संरचना विश्वास जगाने में विफल रहती है।

लोकतंत्र में बहुमत का महत्व- एकनाथ शिंदे :
इस बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने निर्वाचन आयोग द्वारा उनके धड़े को वास्तविक शिवसेना के रूप में मान्यता दिए जाने के फैसले को सचाई एवं लोगों की जीत बताया। उन्होंने आयोग के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, मैं निर्वाचन आयोग को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र में बहुमत का महत्व होता है। यह सच्चाई और लोगों की जीत है और साथ ही यह बालासाहेब ठाकरे का आशीर्वाद भी है। हमारी शिवसेना वास्तविक है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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