रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा की बजट सत्र की कार्यवाही राज्यपाल बिस्वा भूषण हरिचंदन के अभिभाषण के साथ 2 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई है। गुरुवार सुबह 11 बजे फिर से कार्यवाही शुरू होगी। राज्यपाल ने 20 मिनट में अपनी स्पीच पूरी की। उन्होंने अंग्रेजी में भी अपना अभिभाषण पढ़ा। बजट भाषण से पहले नियम बताते हुए चरणदास ने कहा कि कुछ पॉइंट राज्यपाल हिंदी और इंग्लिश में पढ़ेंगे और कुछ पॉइंट्स को पढ़ा हुआ माना जाएगा। इसके बाद भाषण शुरू हुआ। राज्यपाल के अभिभाषण के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के तीसरे अनुपूरक बजट सदन में पेश किया। कल 2 मार्च को अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी। आज सदन में बजट सत्र के दौरान चर्चा का वक्त भी तय किया गया। जिसके तहत मंत्रियों को कई मंत्रियों को 2 घंटे और कुछ मंत्रियों को 1 घंटे चर्चा का वक्त दिया गया। 13 से 23 मार्च तक विधानसभा की कार्यवाही बिना भोजन अवकाश के शाम 7 बजे तक चलेगी।

इससे पहले 20 मिनट के अपने अभिभाषण में राज्यपाल ने कहा कि सरकारी नौकरी में हमारी सरकार ने SC,ST को लाभ दिया है। स्वच्छता में छत्तीसगढ़ को देश का दूसरा अवार्ड मिला है। प्रधानमंत्री आवास योजना और मोर ज़मीन मोर मकान योजना के तहत प्रदेश तमाम लोगो को रहने को छत दी गई है। ऑनलाइन सट्टा और गैम्बलिंग के ख़िलाफ़ क़ानून बनाया गया। राम वन गमन पथ का निर्माण किया गया। मेरी सरकार ने देश के में नई आशा की किरण दी है। राज्यपाल ने सदन से गरिमा के अनुरूप व्यवहार करने का अनुरोध भी किया।

बजट सत्र की शुरुआत आज राज्यपाल के अभिभाषण के साथ हुई। इस दौरान विपक्ष ने जमकर टोका टोकी। राज्यपाल विस्वा हरिचंदन ने जैसे ही अपने संबोधन की शुरुआत की, विपक्ष ने ये कहकर सवाल उठा दिया कि राज्यपाल के अधिकारों के खिलाफ सरकार कोर्ट में गयी है, ऐसे में राज्यपाल को मान्यता दे रही है या नहीं। बृजमोहन अग्रवाल ने इस मद्दे को उठाया, जिसके बाद विधायक शिवरतन शर्मा भी अपनी सीट से उठकर खड़े हो गये और बार-बार राज्य सरकार से इसे स्पष्ट करने की बात कहने लगे। विपक्ष बार-बार कहता रहा कि सरकार को स्पष्ट करना चाहिये कि वो राज्यपाल के अधिकारों के बारे में क्या कह रही है। राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बार-बार विपक्ष अपनी सीटों से उठकर टोका टोकी करने लगा। राज्यपाल के इंग्लिश में दिये जा रहे संबोधन के बीच विपक्ष बार-बार ये भी कहता दिखा कि उन्हें ये बातें समझ नहीं आ रही है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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