गरियाबंद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में पुलिस का मुखबिर होने के संदेह में नक्सलियों ने एक व्यक्ति की कथित तौर पर हत्या कर दी। घटना अमलीपदर थाना क्षेत्र की है, जहां छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर स्थित खरीपठा गांव में नक्सलियों के एक समूह ने एक ग्रामीण के घर में घुसकर धावा बोल दिया। नक्सली जबरन रामदेर नामक ग्रामीण को पास के जंगल में ले गए। उसके बाद गांव से लगभग सात किलोमीटर दूर जंगल में उसका शव मिला। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। घटनास्थल से एक पर्चा (पैम्फलेट) बरामद किया गया, जिसमें माओवादियों ने दावा किया कि ग्रामीण पुलिस मुखबिर के रूप में काम कर रहा था। जबकि अधिकारी ने इस व्यक्ति के पुलिस से जुड़े होने से इनकार किया है।

नक्सली कमेटी में मौके पर एक पर्चा चस्पा कर पुलिस को इस घटना के लिए जिम्देदार ठहराया गया है। नक्सलियों को शक था कि रामदेर पुलिस मुखबिर है। नक्सलियों का दावा था कि रामदेर की सूचना पर फरवरी 2023 में नक्सलियों के कैम्प के ऊपर पुलिस का घेराव करवाया था। जिसमें 200 की पुलिसकर्मी और सुरक्षाबल इस इलाके से नक्सलियों को खत्म करने की योजना बनाकर आए थे।

नक्सलियों का आरोप 5-6 मुखबिर :
नक्सलियों का आरोप है कि 5-6 और मुखबिर थे लेकिन रामदेर मुख्य था। यह पार्टी और जनता के विरोध में काम कर रहा था। एक बार इसे नक्सलियों ने जन अदालत में समझाया गया था, लेकिन उसके बाद भी मृतक में कोई सुधार नहीं आया। पर्चा में लिखा है कि पुलिस मुखबिरी कर रहे सभी लोगों को चेतावनी दी जाती है कि अगर पार्टी और दल के सामने आत्मसमर्पण नहीं करेंगे तो उनको भी मौत की सजा मिलेगी। उदंती धर्म ने धमकी देते हुए कहा कि पुलिस मुखबिरी करने वालों को मौत की सजा दी जाएगी।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.