कांकेर/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। चारामा क्षेत्र के चावड़ी गांव में रहस्यमय तरीके से लापता परिवार अपने ही फार्म हाउस में मिला। बीमा की राशि पाने के लिए स्वयं परिवार ने साजिश रची थी। आपको बता दें कि एक मार्च को समीरन सिकदार, उसकी पत्नी जया और दोनों बच्चे रायपुर से लौटने के दौरान कार में आग लगने के बाद से लापता थे। पहले सभी के जलने की आशंका जताई गई थी, लेकिन फोरेंसिक टीम ने इससे इनकार कर दिया था। धमतरी के एक होटल में परिवार के रुकने के पुख्ता सबूत पुलिस को मिले थे। राजधानी के एक फोटो स्टूडियो में परिवार का अंतिम लोकेशन मिला था। इस परिवार की खोजबीन में पुलिस 200 होटल और 1 हजार सीसीटीवी खंगाल चुकी थी, जिसे अब जाकर सफलता मिली। रहस्यमय तरीके से लापता परिवार मामले में पुलिस ने खुलासा किया है कि बीमा की राशि प्राप्त करने स्वयं परिवार ने साजिश रची थी।
पटना, इलाहाबाद, गोहाटी घूमने के बाद पहुंचे घर :
समीरन बीमा की 72 लाख रुपए राशि प्राप्त करना चाहता था। इसके लिए उन्होंने कार को पेड़ से टकराकर पेट्रोल डालकर आग लगाई थी। कार को आग के हवाले कर परिवार पैदल चारामा पहुंचा था। चारामा से बस पकड़कर धमतरी पहुंचे और यहां से परिवार के साथ फरार हुआ था। परिवार इलाहाबाद, पटना, गोहाटी में घूम रहा था और ऑनलाइन अखबारों को पढ़कर जानकारी लेता था। परिवार को लगा कि पुलिस उन्हें जीवित मान रही है तो परिवार वापस पखांजूर अपने घर लौटा। इसकी जानकारी मिलते ही पुलिस ने परिवार को पकड़ लिया।
व्यापार में नुकसान होने से थे परेशान :
पूछताछ में समीरन सिकदार और उसकी पत्नी जया सिकदार ने बताया कि कुछ दिनों से व्यापार में नुकसान होने से वे परेशान थे। इसी दौरान उन्होंने पूरे परिवार का इंश्योरेंस भी कराया था। बीमा पॉलिसी के अनुसार मृत्यु होने पर 72 लाख रुपए के भुगतान का प्रावधान था। इसी लालच में पति ने योजना बनाई थी कि कार को जला देंगे और पत्नी जया को गुमराह कर गायब हो जाएंगे, जिससे लोग उनके कार में जलकर मृत हो जाना समझ जाएंगे और बीमा कंपनी 72 लाख रुपए का भुगतान कर देगी, जिससे व्यापार में नुकसान की भरपाई भी हो जाएगी और दूसरे स्थान पर नए तरीके से अपना जीवन यापन कर लेंगे। योजना के अनुसार समीरन सिकदार, पत्नी जया अपने दोनों बच्चों के साथ रायपुर आने के दौरान धमतरी के आशियाना लॉज में रुका। वहां से रात्रि भोजन कर समीरन अपनी पत्नी जया एवं बच्चों को लाज में छोड़कर कार को लेकर चारामा पहुंचा। चारामा में पेट्रोल पंप से पेट्रोल खरीदा और ग्राम चावड़ी पहुंचकर योजनाबद्ध तरीके से पूर्व से निर्धारित स्थल पर कार को पेड़ से टकरा कर खड़ा कर दिया और पेट्रोल छिड़क कर माचिस से आग लगा दिया और पैदल ही खेत जंगल के रास्ते चारामा पहुंचा। फिर बस में सवार होकर धमतरी पहुंचा और अपने परिवार को होटल आशियाना लॉज से लेकर रायपुर चला गया। रायपुर में अजय फोटो स्टूडियो से फोटो लिया और बस में सवार होकर इलाहाबाद चले गए।
इलाहाबाद में 1 दिन रुके और दूसरे दिन ट्रेन में सवार होकर पटना गए। पटना में मोबाइल तथा दूसरे के नाम का चालू मोबाइल नंबर खरीदा और अपने मोबाइल पर खबरों को देखा तो उसे ज्ञात हुआ कि उसकी स्वयं के परिवार सहित जलकर मर जाने और मृत्यु उपरांत बीमा की रकम लेने की योजना विफल हो गई है। उसे अंदेशा हो गया था कि वह बहुत जल्दी पुलिस के गिरफ्त में आ जाएगा। सजा के भय से वह गुवाहाटी से संबलपुर आ गया। संबलपुर से प्राइवेट टैक्सी में पखांजूर पहुंचा और अपने फार्म हाउस के वर्करों के माध्यम से पुलिस से फोन पर संपर्क किया। पुलिस ने चारों गुमशुदा को पीवी 42 से बरामद कर लिया।
समीरन के कब्जे से 504000 नगदी, मोबाइल फोन भी बरामद किया गया है। उसके खिलाफ मामला दर्ज कर पुलिस मामले की जांच कर रही है। इस मामले में दोषी लोगों पर कार्रवाई की जाएगी।