रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। गरज-चमक के साथ छत्तीसगढ़ में मौसम ने एक बार फिर करवट बदली है। शनिवार को राजधानी समेत प्रदेश के कई जिलों में जोरदार बारिश हुई है। पिछले 2 दिनों से हल्की बारिश और कहीं-कहीं ओलावृष्टि देखने को मिली है। मौसम विभाग ने कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार, आने वाले एक दो दिनों तक राज्य का मौसम इसी तरह रहेगा। तीन-चार दिनों से मौसम के बदले मिजाज ने जहां एक और चिलचिलाती गर्मी और धूप से राहत मिली है। वहीं, फसलों के लिए आफत की साबित हो रही है। सब्जी की खेती के साथ-साथ महुआ के संग्रह को को इससे काफी नुकसान हो रहा है।
तापमान में गिरावट :
पश्चिमी विक्षोभ की वजह से बदले मौसम के मिजाज के अलग-अलग प्रभाव देखने को मिल रहे हैं। गर्मी के मौसम में जहां तापमान 35 डिग्री पहुंच गया था। अब तेज हवाओं के साथ गरज एवं चमक के साथ हुई बारिश से तापमान में लगभग 5 डिग्री की गिरावट ला दी है। न्यूनतम तापमान में भी 3 डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग में 17 मार्च से 20 मार्च तक की वार्निंग जारी की थी। जिसमें ऑरेंज और येलो अलर्ट भी जारी किया गया था।
रायपुर में जोरदार बारिश :
राजधानी रायपुर में शनिवार को जोरदार बारिश हुई है। राजधानी रायपुर के रायपुर चौक, सुंदर नगर, महादेव घाट समेत कई इलाकों में जोरदार बारिश और आंधी के कारण बिजली भी गोल हो गई है।
कई जिलों को लेकर अलर्ट :
छत्तीसगढ़ मौसम विभाग ने राज्य में बारिश, आंधी और ओले गिरने का पूर्वानुमान जताया है। प्रदेश के सूरजपुर, बलरामपुर, सरगुजा ,जसपुर, पेंड्रा रोड, बालोद, धमतरी, कांकेर, नारायणपुर से लगे हुए जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। जबकि कोरिया, बिलासपुर, मुंगेली, जांजगीर, बेमेतरा, बलोदाबाजार, राजनांदगांव जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है।
फसलों को भी नुकसान :
बदले मौसम के असर से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है। बारिश के कारण धान के साथ-साथ टमाटर और सब्जी वाली फसलों को भी नुकसान हुआ है। महुआ संग्रह को भी बड़ा नुकसान हुआ है। महुआ करोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि लगभग 15 दिनों तक गिरने वाला महुआ अब बमुश्किल से एक-दो दिन और गिरेगा। महुआ, आदिवासी समाज के सालभर का जीवन यापन करने सा सबसे बड़ा साधन है।
मिट्टी के बर्तन के बनाने वालों को सताने लगा डर :
मिट्टी का कच्चा काम करने वाले कुम्हार भी बारिश एवं तूफान से परेशान हैं। बेमौसम हुई बरसात में ईंट बनाकर रखने वाले कुम्हारों को काफी नुकसान पहुंचा है। कुम्हारों का कहना है कि अभी तक जो भट्ठे में नहीं लगे थे बारिश से वो ईंट खराब हो गई है। कई कुम्हारों ने सरकार से मदद की अपील की है।