बालोद – आंदोलन के प्रथम दिवस में सभी कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी लगा कर साथ ही साथ महिला कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण के लिए मेहंदी लगाकर धरना प्रदर्शन किया।
प्रथम चरण में आंदोलन जिला स्तर पर 03 जुलाई से 07 जुलाई तक किया जाएगा। तत्त पश्चात राज्य स्तर पर अनिश्चित कालीन आंदोलन किया जावेगा.

._ 3 जुलाई 2023_ सरकार बनने से पूर्व 2018 के जनघोषणा पत्र में कांग्रेस पार्टी ने संविदा कर्मचारियों से नियमितिकरण का वादा किया था। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के साढ़े चार साल बादनियमितिकरण तो दूर नियमित रूप से जो वेतन बढ़ाना था वह भी नहीं बढ़ाया गया। संविदा कर्मचारियों का कहना है कि उनकी स्तिथि “दुब्बर ला दू आषाढ़” जैसी हो गई है। चूकि जो नियमित रूप से वेतन बढ़ता था वह भी नहीं बढ़ा और कर्मचारियों की बिना भर्ती किए नई नई योजनाओं का संचालन कर काम का बोझ जरूर बड़ गया है। प्रदेश में संविदा कर्मचारी कोल्हू के बैल की तरह पीसे जा रहे हैं। इन सब का परिणाम हुआ कि 3 जुलाई से प्रदेश के 54 विभागों में कार्यरत 45000 हजार संविदा कर्मचारियों ने सरकार को अपनी नियमितिकरण के वादे अनुपूरक बजट में शामिल कर पूरा करने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा रहे हैं। जिले में कर्मचारियों के उत्साह को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि आने वाले दिनों में कई सरकारी दफ्तरों में ताले लटक जायेंगे और स्वास्थ्य सुविधा और पंचायत स्तर के निर्माण कार्य के साथ अन्य आवश्यक सेवाएं ठप पढ़ जायेंगी।
छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी के पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि हम विगत 4 सालों में सैकड़ों बार आवेदन निवेदन कर चुके है । विगत माह संविदा नियमितीकरण रथयात्रा के माध्यम से 33 जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री जी के नाम ज्ञापन दे चुके है किंतु सरकार की तरफ से संवादहीनता निरंतर जारी है।
जिले के संविदा कर्मी लामबंद हुए है। इसलिए यह सरकार को जल्द से जल्द सकारात्मक पहल की जरूरत है । कोई भी शासकीय कर्मचारी हड़ताल में जाना नहीं चाहते किंतु हमारी मजबूरी है। मात्र हमारी पीड़ा को दूर करने सरकार के पास निश्चित दिन शेष है किंतु सरकार ध्यान नहीं दे रही।
हम संविदा कर्मचारियों में काम का बोझ बढ़ता ही जा रहा है, किंतु हमारी पीड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। सरकार अपने नियमितिकरण के वादे को लेकर भी अब तक स्पष्ट रुख नहीं दिखाई है , जिसके कारण कर्मचारियों में सरकार के प्रति रोष बढ़ता ही जा रहा है। सरकार की बेरुखी एक छत्तीसगढ में एक बढ़े कर्मचारी आंदोलन का कारण बनेगी।
आंदोलन के प्रथम दिवस धरना स्थल पर में सभी कर्मचारियों द्वारा काली पट्टी लगा कर साथ ही साथ महिला कर्मचारी द्वारा नियमितीकरण के संबंध में मेहंदी लगाकर प्रशासन को जगाने का प्रयास किया।
उक्त धरना उक्त आंदोलन में स्वास्थ्य विभाग, पंचायत विभाग, महिला एवम बाल विकास विभाग,प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना, क्रेडा, श्रम विभाग , आई. टी. आई., कृषि विभाग, कौशल उन्नयन, एवं जिले समस्त योजना के 550 संविदा कर्मचारी सम्मिलित हुए । उक्त जानकारी जिला संयोजक द्वारा दी गयी है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.