रायपुर| कुणाल सिंह ठाकुर | आज दिनांक 15.07.2023 को अपरान्ह महादेव कावरे संभागायुक्त दुर्ग संभाग द्वारा दाऊ श्री वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति का अतिरिक्त प्रभार ग्रहण किया गया। विश्वविद्यालय के निर्वृत्तमान कुलपति डॉ दक्षिणकर ने उन्हें अपना पदभार दिया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार श्री सोनवाने, वित्त अधिकारी श्री काले, विभिन्न कॉलेज के अधिष्ठाता श्री मुखर्जी, श्री दत्ता, श्रीमती गुप्ता और अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे। पदभार ग्रहण पश्चात संभागायुक्त और कुलपति महादेव कावरे और निर्वृत्तमान कुलपति श्री दक्षिणकर द्वारा वृक्षारोपण किया गया।

विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ साथ पशुपालन विकास के लिए भी करे प्रेरित :
कार्यक्रम के तहत विश्वविद्यालय अंतर्गत आने वाले विभिन्न कॉलेज के अधिष्ठाताओ द्वारा श्री दक्षिणकर द्वारा किए गए अभूतपूर्व कार्य की प्रशंसा की गई साथ ही विश्वविद्यालय के लिए उनके द्वारा किए गए योगदान में के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया गया।
इसके पश्चात श्री कावरे, कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पूर्व में भी शासन की महत्वपूर्ण योजना नरूवा गरुवा घुरुवा बाड़ी के लिए भी काफी सहयोग किया गया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भी अनुसंधान, अधोसंरचना और विद्यार्थियों की शिक्षा के क्षेत्र में भी अनवरत रूप से विभिन्न प्रकार के कार्य किए जाएंगे, साथ ही पशुपालन क्षेत्र में बनाई गई योजना का लाभ शहर से गांव के अंतिम छोर में रहने वाले किसानों और हितग्रहियों को मिले इस योजना से ही निरंतर कार्य किया जावेगा।

टीम वर्क के रूप में किए जाने वाले कार्य से मिलती है सफलता –
श्री कावरे ने उपस्थित अधिकारियों से कहा कि किसी भी टीम की सफलता में टीम के कैप्टन के साथ-साथ सभी खिलाड़ियों का योगदान होता है, उसी प्रकार विश्वविद्यालय में भी सभी अधिकारी और कर्मचारी टीम के रूप में मिलकर कार्य करेंगे जिससे कि विश्वविद्यालय को प्रदेश ही नहीं देश में नई ऊंचाई पर ले जाया जा सकता है।

किसी भी शोध का लाभ समाज के लोगो को अवश्य होना चाहिए :
निर्वृत्तमान कुलपति श्री दक्षिणकर ने अपने उद्बोधन में कर्मचारियों को विश्वविद्यालय को प्राप्त उपलब्धियों के लिए अधिष्ठाता, प्राध्यापको और अधिकारियों द्वारा दिए गए सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, उन्होंने सोनकुकरी नस्ल और पोशली नस्ल, फाडर कैफेटेरिया के अनुसंधान में मिले उपलब्धि के लिए भी धन्यवाद और बधाई दी। श्री दक्षिणकर ने अधिष्ठाताओं और प्राध्यापको को कहा की शोध इस प्रकार का हो कि किसी शोध का लाभ समाज को मिले। इसके साथ ही उद्यमिता विकास और शिक्षा के अभिसरण से पशुपालन क्षेत्र में भी उपलब्धि प्राप्त किए जाने के लिए किए गए विशेष कार्य से अवगत कराया और इस के लिए अधिकारियों को धन्यवाद ज्ञापित किया।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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