रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पक्ष और विपक्ष दोनों ने अपनी कमर कसते हुए चुनाव की तैयारी ज़ोरो-शोरो से शुरू कर दी है। चुनाव के तैयारी की इस कड़ी में राज्य सरकार भी बड़े प्रशासनिक सर्जरी की तैयारी में जुटी हुई है। जी हाँ, पिछले दिनों कुछ कलेक्टरों की अंदरुनी शिकायत भी हुई है, इसके साथ ही आगामी कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव है, वहीं कुछ जिलों में कलेक्टर जनता से ज्यादा जनप्रतिनिधियों को तवज्जों दे रहें हैं। जनता के बीच कलेक्टर की जो छवि है वो नहीं बन पा रही और कुछ जिलों में जनता भी कलेक्टर के कार्यों से नाराज़ है। जिसका फीडबैक अंदरूनी तौर पे मुख्यमंत्री के पास पहुँच गया है। इन सभी को ही बदलाव का मुख्य कारण भी बताया जा रहा है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य के करीब आधा दर्जन जिले से ज्यादा के कलेक्टर प्रभावित हो सकते हैं। जानकारी के अनुसार मंत्रालय स्तर पर इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। आला अफसरों के अनुसार फेरबदल की यह कार्यवाही अगस्त के प्रथम सप्ताह से पहले पूरी कर ली जाएगी। चर्चा यह है कि विधानसभा का बजट सत्र खत्म होते ही आर्डर जारी होने लगेगें।
आपको बता दें, राज्य में विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की गतिविधियां तेज हो गई है। आयोग के कार्यक्रम के अनुसार जिलों में अगस्त के प्रथम सप्ताह से राज्य में मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण शुरू होगा। 12 व 13 अगस्त और 18 व 19 अगस्त को सभी जिलों में विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा। आयोग ने 4 अक्टूबर को मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन करने का फैसला किया है। अफसरों के अनुसार ऐसे में कलेक्टर सहित राजस्व का पूरा अमला चुनाव में व्यस्त हो जाएगा। चुनाव को लेकर उनकी जिम्मेदारी भी तय हो जाएगी। ऐसे में ट्रांसफर करना कठिन हो जाएगा। इसी वजह से जितने भी कलेक्टरों और राजस्व विभाग के अफसरों का ट्रांसफर होना है अगस्त के प्रथम सप्ताह में कर लिया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर, रायपुर और दुर्ग संभाग के जिले भी प्रभावित सूची में है। इन संभाग के कलेक्टर भी प्रभावित हो सकते हैं। वहीं आपको बता दें, की प्रदेश के अधिकांश जिलों के कलेक्टर का कार्यकाल 8 से 14 महीना ही पूरा हो पाया है।