रायपुर। द मीडिया पॉइंट। कुणाल सिंह ठाकुर। प्रदेश में छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है। इसी बीच इसमें एक राजनितिक मोड़ नज़र आया। यह प्रदेश की कांग्रेस सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती है। छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ को अब भाजपा का साथ मिल चूका है। यही नहीं, अनियमित कर्मचारियों की मांगों को भाजपा अपने घोषणा पत्र में भी शामिल करने जा रही है, इसके साथ ही भाजपा की सरकार बनने पर एक निश्चित समयावधि में इन मांगों को पूर्ण करने का वादा भी बीजेपी की तरफ से किया गया है।
छत्तीसगढ़ संयुक्त अनियमित कर्मचारी महासंघ ने भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में अनियमित, संविदा, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव से मिलकर अपनी पीड़ा बताई। मांगों को सुनने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने कर्मचारियों को आश्वस्त किया, उन्होंने कहा कि उनकी मांगों पर विचार करके पार्टी की घोषणा पत्र समिति उसे घोषणा पत्र में शामिल करेगी और सरकार में आने के बाद उनके नियमितीकरण की समयबद्ध प्रक्रिया को प्राथमिकता के साथ पूर्ण करेगी।

आपको बता दें, श्री साव रविवार को कुशाभाऊ ठाकरे परिसर स्थित भाजपा प्रदेश कार्यालय में कर्मचारी नेताओं व कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से चर्चा कर रहे थे। विदित रहे विविध कर्मचारी संघ के इस प्रतिनिधिमंडल ने अपनी मांगों से युक्त एक ज्ञापन भी श्री साव को सौंपा। इस दौरान भाजपा प्रदेश महामंत्री ओ.पी. चौधरी और यशवंत जैन भी मौजूद थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि नियमितीकरण के मुद्दे पर प्रदेश विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में भाजपा विधायक दल सरकार का ध्यान आकर्षित करेगा। श्री साव से चर्चा के दौरान कर्मचारी नेताओं ने बताया कि उनका संगठन आगामी 18 से 21 जुलाई तक प्रदेश की कांग्रेस सरकार को उनके वादे की याद दिलाने के लिए प्रदेशस्तरीय बड़ा आंदोलन कर रहा है। इस दौरान विधानसभा का घेराव भी दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी करेंगे।
उन्होंने आगे कहा, प्रदेश सरकार ने अपने पिछले घोषणा पत्र में नियमितीकरण का वादा करके भी पूरा नहीं किया है। इससे प्रदेशभर के कर्मचारी बेहद संत्रस्त हैं। कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर आंदोलन के लिए अनुमति नहीं देने और अनावश्यक व अकारण कर्मचारियों पर एफआईआर करके प्रताड़ित करने का आरोप भी लगाया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री साव ने कहा कि अपने हक के लिए आंदोलन करना सबका लोकतांत्रिक अधिकार है। कर्मचारी कोई नई मांग नहीं रख रहे हैं, बल्कि पिछले विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने कर्मचारियों से जो वादा किया था, उसे याद दिलाकर पूरा करने की मांग कर रहे हैं। श्री साव ने प्रदेश सरकार के रवैए को संवेदनहीनता की पराकाष्ठा बताकर कहा कि विरोध में और अपने हक के लिए उठने वाली आवाज को दबाना नितांत अलोकतांत्रिक व कर्मचारी विरोधी है। प्रदेश में कांग्रेस के शासन काल के दौरान हुई भर्तियों की प्रक्रिया को लेकर भी श्री साव ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। श्री साव ने कर्मचारी प्रतिनिधिमंडल को पार्टी की ओर से सकारात्मक सहयोग के लिए आश्वस्त किया।
इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष रवि गढ़पाले, प्रदेश सचिव भूपेंद्र साहू, प्रदेश महासचिव वर्षा मेघानी, प्रदेश महासचिव सतीश रजवाड़े, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सौरव मिश्रा, तेंदूपत्ता गोदाम सुरक्षा श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष सोमन राव, महेश सिन्हा किसान मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष गोपेंद्र साहू, अंशकालीन स्कूल सफाई कर्मचारी कल्याण संघ से पुरुषोत्तम साहू, छत्तीसगढ़ स्वच्छता दीदी महिला पुरुष महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन नायक, प्रदेश उपाध्यक्ष निर्मला कुमारी आरती दीप, छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ से रामकुमार सिन्हा, छत्तीसगढ़ नवीन व्यवसायिक प्रशिक्षण कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष विनय हरवंश, छत्तीसगढ़ उप पंजीयक पंजीयन एवं मुद्रांक जूनियर एसोसिएट कंप्यूटर ऑपरेटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, छत्तीसगढ़ मंडी समिति प्लेसमेंट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुमन लाल साहू, जिला समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन एवं शहरी आवासीय अनियमित कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ मिश्रा, छत्तीसगढ़ क्रेडा प्लेसमेंट कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष निलेश कुमार किरण, छत्तीसगढ़ प्रदेश उद्यानिकी दैनिक वेतन भोगी श्रमिक संघ के प्रदेश अध्यक्ष चितरंजन दास, छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रदेश संयोजक गोपाल साहू और प्रदेश सह संयोजक प्रेम प्रकाश गजेंद्र, अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रही दिवंगत शिक्षाकर्मी संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे, सोमनाथ तारक प्रदेश अध्यक्ष ग्राम पंचायत भृत्य, साथ ही मंडी प्लेसमेंट कर्मचारी संघ समेत प्रदेश स्तर के कई पदाधिकारी उपस्थित रहे।