बालोद/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। बालोद के अग्रणी कॉलेज शासकीय घनश्याम सिंह गुप्त महाविद्यालय सहित जिले के सभी शासकीय महाविद्यालय प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे है। महाविद्यालय का सारा कामकाज प्रभारी प्राचार्य ही सम्हाल रहें हैं। ऐसे में बच्चों का भविष्य कैसे गढ़ा जाएगा। स्थानीय महाविद्यालयों में वर्षों से स्टाफ और प्राचार्यों की कमी रही है। बता दें, बालोद जिले में कुल 16 शासकीय महाविद्यालय है। सभी के सभी महाविद्यालय प्राचार्य के बिना ही चल रहें हैं। बालोद, डौण्डी, दल्ली, गुरूर, डौण्डीलोहारा, देवरी, गुण्डरदेही, अरमरीकला समेत कुल 16 महाविद्यालयों में प्राचार्यों की कमी साफ नज़र आती है।

प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे जिले के शासकीय महाविद्यालयों में शिकायतों की संख्या भी अधिक है। संसाधनों की बात करें तो वर्षों से पानी की व्यवस्था, प्रसाधन, साफ़-सफाई, अव्यवस्थित लाइब्रेरी, कैंटीन का अभाव, इसके साथ-साथ अनेकों और भी अव्यवस्थाएं व्याप्त है। रेगुलर प्राचार्य के अभाव का प्रभाव महाविद्यालय में साफ दिखाई देता है।

उच्च शिक्षा विभाग की अनदेखी खेल रही बच्चों के भविष्य के साथ :
उच्च शिक्षा विभाग द्वारा अबतक सभी शासकीय कॉलेजों की अनदेखी करने का मामला समझ से परे हैं। इस अनदेखी के चलते उच्च शिक्षा विभाग बच्चों के भविष्य के साथ खेलते हुए नज़र आ रही है। प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे चल रहे शासकीय कॉलेजों के मामले का निराकरण न तो उच्च शिक्षा विभाग कर रही है और न ही राज्य सरकार द्वारा किसी भी प्रकार का कोई प्रयास किया जा रहा है। इन सब वजहों से बच्चों और उनके परिजनों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !! You are not allowed to copy this page, Try anywhere else.