नर्मदा/रायपुर। कुणाल सिंह ठाकुर। गुजरात के नर्मदा जिले में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान गुजरात के कृषि और पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने शराब को चरणामृत समझकर पी लिया। उनके शराब पीने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। दरअसल, बुधवार को नर्मदा के डेडियापाड़ा तालुका में विश्व आदिवासी दिवस समारोह का आयोजन किया गया था। इस आधिकारिक सरकारी कार्यक्रम में, गुजरात के मंत्री राघवजी पटेल भी पहुंचे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्हें देशी शराब दी गई जिसे उन्होंने पी ली। बाद में जब उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें पूजा के दौरान आदिवासियों द्वारा की इस प्रथा के बारे में जानकारी नहीं थी।

नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में स्थित आदर्श विद्यार्थीशाला में इस कार्यक्रम को रखा गया था। इसकी अध्यक्षता पटेल कर रहे थे। कार्यक्रम के दौरान उन्हें एक आदिवासी अनुष्ठान में भाग लेने के लिए कहा गया। आदिवासी पुजारी, सवतु वसावा, धरती पर चढ़ाने के लिए कुछ जंगली पत्तियां, चावल के दाने, नारियल और देशी शराब से भरी हरी कांच की बोतल साथ लेकर आए थे।

सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो के अनुसार, पटेल, डेडियापाड़ा के पूर्व भाजपा विधायक मोतीलाल वसावा, पूर्व नर्मदा जिला भाजपा प्रमुख शंकर वसावा और अन्य स्थानीय नेताओं के साथ, पुजारी के निर्देशों का पालन किया और पत्ते के प्याले में बोतल से शराब पाकर उसे पी गए।

वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया है कि जैसे ही पुजारी मंत्री के हाथ में मौजूद पत्ते में शराब डालते हैं, वो उसे पी जाते हैं। इसके तुरंत बाद भाजपा नेता तुरंत उन्हें रोकते हैं और बाकी के नेता पत्ते में गिरी शराब को धरती की तरफ डाल देते हैं। इसके बाद बीजेपी के स्थानीय नेता उन्हें बताते हैं कि “यह पीने के लिए नहीं है, बल्कि चढ़ाने के लिए है।” इस पर मंत्री को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “आपको मुझे यह पहले बताना चाहिए था और इसके बाद वो पत्ते के प्याले को जमीन पर गिरा देते हैं।”

कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पटेल ने कहा, ‘मैं आदिवासी रीति-रिवाजों से अनभिज्ञ हूं… यह यहां मेरी पहली यात्रा है। हमारे अनुष्ठानों में हमें हाथ में चरणामृत दिया जाता है और उसका सेवन किया जाता है। मुझे लगा कि ये कुछ वैसा ही अनुष्ठान था… यह मेरी जानकारी की कमी के कारण हुआ।’

भाजपा आदिवासी प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य मोतीलाल ने कहा, “जन्म, मृत्यु, उत्सव और पूजा के शुभ दिनों पर किए जाने वाले हमारे सभी महत्वपूर्ण अनुष्ठानों में धरती पर देशी शराब चढ़ाने की प्रथा है। उन्होंने कहा, कोई भी हमें अपनी प्रथाएं निष्पादित करने के अधिकार से वंचित नहीं कर सकता है और हमें अपने पारंपरिक कानून का पालन करने के लिए अनुमति की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, हम गुजरात में लागू निषेध कानून में विश्वास करते हैं और ऐसा समुदाय नहीं हैं जो कानून का उल्लंघन करके शराब का सेवन करता हो। हम आदिवासियों को पारंपरिक प्रथाओं में भाग न लेते हुए शराब का सेवन करने से परहेज करने के लिए कहते रहते हैं।

कार्यक्रम में पटेल के ठीक बगल में मौजूद मोतीलाल ने कहा कि उन्हें गर्व है कि मंत्री ने चरणामृत थोड़ा सा पीया। उन्होंने कहा, “मुझे मंत्री राघवजी पटेल पर गर्व है, जिन्होंने न केवल हमारे अनुष्ठानों में भाग लिया, बल्कि न पीने वाले के रूप में हमारे चरणामृत को भी स्वीकार किया। उन्होंने इसे वही सम्मान दिया जो वह भगवान अपने पारंपरिक प्रसाद में चरणामृत के प्रति दिखाते थे और उन्होंने यहां के आदिवासियों का दिल जीत लिया है।

By Kunaal Singh Thakur

KUNAL SINGH THAKUR HEAD (प्रधान संपादक)

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